नई दिल्ली:दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की CBI केस में जमानत याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने संबंधित जेल अधीक्षक को यह भी निर्देश दिया कि जमानत याचिका के निस्तारण तक सिसोदिया और उनकी पत्नी के बीच हर वैकल्पिक दिन को दोपहर 3-4 बजे के बीच वीसी बैठक सुनिश्चित करें. अदालत सिसोदिया की पत्नी की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर भी फैसला करेगी.
सिसोदिया ने सबूत मिलने का दिया था तर्क:सिसोदिया आबकारी घोटाला में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 31 मार्च को सीबीआई मामले में विशेष न्यायाधीश ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. उन्हें हाल ही में कोर्ट ने ईडी मामले में भी जमानत देने से मना कर दिया था. सिसोदिया ने नियमित जमानत की मांग करते हुए पहले की सुनवाई में तर्क दिया था कि शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई को उनके पास से पैसे के लेन-देन का कोई सबूत नहीं मिला है और उनके खिलाफ आरोप संभावित हैं.
सिसोदिया की जमानत याचिका का एजेंसी ने किया था विरोध:सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए जांच एजेंसी ने कहा कि इस मामले में एक गहरी जड़ वाली और बहुस्तरीय साजिश शामिल है. जिसमें सिसोदिया जो कथित तौर पर जांच के दौरान असहयोगी और टालमटोल करने वाले रहे हैं. सिसोदिया कार्यप्रणाली का पता लगाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. सीबीआई ने कहा कि उच्च पद पर आसीन आप पार्टी के सहयोगी तथ्यात्मक रूप से गलत दावे करते रहते हैं कि सिसोदिया एक राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हैं और जांच को प्रभावित कर रहे हैं.