दिल्ली

delhi

Joshimath Sinking: कमेटी ने सरकार को दिए 6 सुझाव, बिंदुवार समझें

By

Published : Jan 10, 2023, 1:12 PM IST

जोशीमठ के लिए बनाई गई कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी ने 6 सुझाव दिए हैं. कमेटी ने कहा है कि अगस्त 2022 की रिपोर्ट में जो सिफारिशें की गई थीं, उनका तत्काल प्रभाव से पालन कराना होगा. उधर आज ही सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ के मामले को तत्काल सुनने से इनकार किया है.

Joshimath Sinking
Etv Bharat

जोशीमठ: जोशीमठ भू धंसाव अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है. सीएम धामी द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपने सुझाव दे दिए हैं. कमेटी ने जो पहला सुझाव दिया है उसके अनुसार ज्यादा नुकसान वाले घरों को तुरंत तोड़ना होगा. टूटे हुए मलबे को मौके से तुरंत हटाना होगा. दूसरे सुझाव में कहा गया है कि उन सभी जगहों की पहचान जल्द से जल्द कर लें जो अब रहने के लायक नहीं हैं. तीसरे सुझाव में कहा है कि पीड़ित जिन प्रभावित जगहों पर रह रहे हैं, उनको तुरंत हटाना होगा.

कमेटी ने सरकार को दिए 6 सुझाव

ये हैं कमेटी के सुझाव: कमेटी के चौथे सुझाव के अनुसार जोशीमठ क्षेत्र के ऊपरी हिस्से को अच्छी तरह से जानने के लिए ज्योग्राफिकल जांच करानी होगी. क्षेत्र में भूकंप निगरानी रखनी होगी. पांचवें सुझाव में कहा गया है कि हाइड्रोलॉजिकल जांच होनी चाहिए. ताकि जल कहां से निकल रहा है, झरने कहां से आ रहे हैं, लोकल वाटर का स्रोत क्या है, इसकी जांच तुरंत करनी होगी. छठवां सुझाव है कि भू धंसाव की रियल टाइम निगरानी करनी होगी. इसके साथ ही कमेटी ने कहा है कि दरारों वाले घरों की रेट्रोफिटिंग होनी चाहिए. कमेटी का ये भी कहना है कि क्षेत्र की नींव का रेट्रोफिटिंग से अध्ययन करना होगा.
ये भी पढ़ें: SC का जोशीमठ मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार, 16 जनवरी को केस लिस्ट

600 से ज्यादा घर हो चुके खाली: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर धीरे-धीरे जमीन के अंदर धंसता जा रहा है. यहां के लोग बेहद डरे हुए हैं. घर, मंदिर, अस्पताल, सेना के भवन और सड़क तक में दरारें पड़ गईं हैं. धीरे-धीरे ये सब जमीन के अंदर समा रहा है. इस खतरे को देखते हुए सैटेलाइट के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया. साथ ही दरार पड़े घरों पर सैटेलाइट से नजर रखी जा रही है. अब तक 600 से ज्यादा घरों में दरारें चिन्हित की जा चुकी हैं. इन घरों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. शहर के जो भी मकान असुरक्षित हैं, आज से उनको गिराने का काम शुरू हो गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details