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Anti Copying Law: उत्तराखंड में लागू होगा नकल विरोधी कानून, CM धामी ने अध्यादेश को दी मंजूरी

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Published : Feb 9, 2023, 10:24 PM IST

राजधानी देहरादून में बेरोजगारों युवाओं के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जल्द ही राज्यपाल की मुहर लगने के बाद उत्तराखंड नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा. सरकार ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को सहमति देकर सरकार भड़के हुए युवाओं शांत करने का प्रयास कर रही है.

Anti Copying Law
CM धामी ने अध्यादेश को दी मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सहमित दे दी है. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दी है. उन्होंने कहा कि वो नकल माफिया को प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं से किए वादे के अनुरूप उनकी सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोध कानून लाने का फैसला लिया है.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने बीते दिनों ही उत्तराखंड नकल विरोधी कानून का मंजूरी दी थी, जिसे अध्यादेश को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सहमित दे दी हैं. उम्मीद की जा रही है कि मार्च में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में इस बिल को पेश किया जाए और पास होने के बाद कानून का रूप दिया है.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सहमित मिलने के बाद उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को राज्यपाल गुरमीत सिंह के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल की मुहर लगते ही ये अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू हो जाएगा.

नकल विरोधी कानून में सख्त नियम: दरअसल, उत्तराखंड में लगातार भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं. हाल ही में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित कराई गई पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर भी लीक हो गया था. इससे पहले ही यूकेएसएसएससी के भी कई पेपर लीक हो चुके हैं. ऐसे में सरकार सवालों के घेरे में थी. इसीलिए बीते दिनों धामी सरकार ने कैबिनेट में नकल विरोधी कानून का ऐलान किया.

उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के तहत यदि कोई अभ्यर्थी नकल करते हुए पकड़ा गया तो उसका भविष्य पूरी तरह से खराब हो जाएगा. क्योंकि कानून के अनुसार वो अभ्यर्थी 10 साल तक प्रदेश की किसी भी भर्ती परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकता है. यहीं नहीं नकल कराने वाले खिलाफ और ज्यादा सख्ती की गई है. क्योंकि इस कानून में उसकी संपत्ति जब्त करने के साथ ही गैंगस्टर लगाने का अधिकार भी पुलिस को दिया गया है.

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बता दें कि 9 फरवरी को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले सैकड़ों की सख्या में युवाओं ने भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग लेकर देहरादून के घंटाघर पर विरोध प्रर्दशन किया था, जो काफी उग्र हो गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर पथराव भी किया था, जिसके जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. वहीं कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इस घटना के बाद उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है.

वहीं कल 10 फरवरी को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने प्रदेश बंद का ऐलान भी किया है. ऐसे में सरकार ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी देकर भड़के हुए युवाओं को शांत करने का प्रयास कर रही है.

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