नई दिल्ली :रूस-यूक्रेन संकट पर अपनी स्थिति बदलने के लिए भारत पर पश्चिमी सहयोगियों के पूरे दबाव के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के गुरुवार शाम भारत आने की उम्मीद है. अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी संघर्ष के बाद से किसी उच्च-स्तरीय चीनी अधिकारी की यह पहली यात्रा होगी. सूत्रों के अनुसार वांग यी, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शुक्रवार को सीमा मुद्दे, यूक्रेन-रूसी संकट और ब्रिक्स प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.
हालांकि वांग यी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी या नहीं, इस पर विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. नई दिल्ली में बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान वांग यी की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'विदेश मंत्रालय को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. बीजिंग ने भी अब तक यात्रा पर कुछ भी पुष्टि नहीं की है.'
ओआईसी भाषण में कश्मीर के जिक्र को लेकर भारत ने जताया एतराज :हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में ओआईसी (OIC) भाषण में चीनी विदेश मंत्री के कश्मीर के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'चीन सहित अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.' चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा चीन के प्रस्ताव के तहत हो रहा है. चीनी विदेश मंत्री विशेष रूप से इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद के आधिकारिक दौरे पर थे.