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लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में CBI दायर करेगी एक और चार्जशीट, लालू परिवार की बढ़ सकती है मुश्किलें

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 8:09 PM IST

CBI to file another charge sheet in land for jobs scam: लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है. गुरुवार को दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI ने बताया कि जल्द एक और चार्जशीट दायर की जाएगी. केस पर अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी.

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नई दिल्ली:लैंड फॉर जॉब घोटाले में CBI एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करेगी. यह बात गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी के वकील ने कहा और एक सप्ताह का समय मांगा. जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. अब अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी. कोर्ट इस मामले के आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत अन्य के खिलाफ दाखिल पहली चार्जशीट पर आरोप तय करने के मामले में सुनवाई कर रही थी.

राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष सीबीआई न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को अगली सुनवाई के लिए एक सितंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान लालू के वकील ने अदालत को बताया कि चार्जशीट सहित सीबीआई द्वारा पेश किए गए अन्य दस्तावेजों की जांच की गई है, लेकिन अभी कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरण और पेन ड्राइव में भी साक्ष्य हैं, जिनकी जांच अभी नहीं हुई है. अदालत ने अधिवक्ता को साक्ष्यों की जांच के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.

अलग-अलग जोन में हुई नियुक्ति की नहीं हो सकी है जांचः वहीं, अपनी दलील देते हुए CBI की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मामले में अलग-अलग रेलवे जोन में दी गई नौकरियों को लेकर अभी जांच जारी है. जांच पूरी होने पर मामले में एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की जाएगी. सीबीआई ने इसके लिए एक सप्ताह का समय मांगा है. इस पर कोर्ट ने सीबीआई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट के लिए भी समय दे दिया.

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इससे पहले इसी मामले में CBI ने तीन जुलाई को बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेने के लिए 12 सितंबर की तारीख तय की है.

यह है मामलाःसाल2004-2009 की अवधि के दौरान जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे तब उन पर समूह डी के अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि और अन्य संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त करने का आरोप लगा था. इसको लेकर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. आगे यह भी आरोप लगाया गया कि इसके बदले में लोग, जो स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से पटना के निवासी थे, उन्होंने लालू के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेच दी व उपहार में दे दी.

आरोप यह भी लगा है कि जोनल रेलवे में एक व्यक्ति की जगह दूसरे को नौकरी देने की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी जो नियुक्त व्यक्ति पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था.

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