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Action of CBI in Jharkhand: सिंफर के पूर्व निदेशक और चीफ साइंटिस्ट के आवास पर सीबीआई की दबिश, कई दस्तावेज जब्त

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Published : Jun 30, 2023, 8:33 PM IST

एक बार फिर से झारखंड में सीबीआई की कार्रवाई हुई है. इस बार सिंफर में 1.39 अरब के मानदेय घोटाला का मामला सामने आया है. जिसको लेकर सीबीआई की टीम ने सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह और चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है.

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धनबादः 1.39 अरब के मानदेय घोटाला मामले को लेकर सीबीआई ने सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह और चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. सीबीआई की टीम द्वारा धैया स्थित सुंदरम अपार्टमेंट में पूर्व निदेशक के आवास पर कागजातों को खंगालने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसके साथ ही डिगवाडीह स्थित सिंफर के चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के आवास पर पर भी सीबीआई ने दबिश दी है.

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शुक्रवार को इन दोनों के आवास पर सीबीआई के अधिकारियों के द्वारा कागजात खंगाले जा रहे हैं. सिंफर के पूर्व निदेशक के आवास को सील कर दिया गया है और कई कागजात जब्त कर सीबीआई अपने साथ ले गई है. इसके साथ ही चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के आवास से भी सीबीआई के द्वारा कागजातों को जब्त किया गया है. इसके अलावा सीबीआई ने सिंफर के कर्मियों से भी पूछताछ की है. हालांकि सीबीआई की टीम ने मीडिया से किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की है और ना वो मीडिया से सामने आए हैं.

बता दें कि सीबीआई ने 25 जून 2023 को सिंफर में मानदेय मद में घोटाला की प्राथमिकी दर्ज की. जिसमें सिंफर के पूर्व निदेशक पीके सिंह और चीफ साइंटिस्ट एके सिंह समेत अन्य लोगों को सीबीआई ने आरोपी बनाया है. 1.39 अरब से अधिक मानदेय घोटाला का मामला है. इन दोनों अधिकारियों के ऊपर सीएसआईआर के नियमों का उल्लंघन कर मानदेय मद की निकासी करने का आरोप है. पूर्व निदेशक डॉ. पीके सिंह पर 1 करोड़ 53 लाख 67 हजार 200 रुपए व चीफ साइंटिस्ट ए के सिंह पर 90 करोड़ 04 लाख 31 हजार 337 रुपए मानदेय के रूप में लेने का आरोप है.

बता दें कि कोयले की गुणवत्ता की जांच के लिए एक ऑर्डर सिंफर को मिला था. जिस पर 8 अक्टूबर 2015 को एक एमओयू साइन हुआ था. इसमें थर्ड पार्टी एजेंसी के रूप में सिंफर का चयन हुआ था.

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