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Brahmin Mahapanchayat : जाट समाज के बाद अब ब्राह्मणों ने भरी हुंकार, मुख्यमंत्री बनाने की मांग...

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Published : Mar 19, 2023, 6:59 PM IST

Updated : Mar 19, 2023, 7:58 PM IST

जाट महाकुंभ के बाद ब्राह्मण महापंचायत के मंच से भी ब्राह्मण सीएम बनाए जाने की मांग उठाई गई. कांग्रेस लीडर पुष्पेंद्र भारद्वाज ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए दोनों बड़े राजनीतिक दलों बीजेपी और कांग्रेस से ब्राह्मणों को 30-30 टिकट देने की मांग उठाई.

Brahmin Mahapanchayat
ब्राह्मण महापंचायत

जाट समाज के बाद अब ब्राह्मणों ने भरी हुंकार...

जयपुर. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इन चुनावों से पहले सभी जातियां शक्ति-परदर्शन करने में जुटी हुई हैं. पहले राजपूत समाज, फिर जाट समाज और रविवार को ब्राह्मण समाज के लाखों लोगों ने एक जाजम पर जुटकर शक्ति-प्रदर्शन किया. इस दौरान सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पुष्पेंद्र भारद्वाज ने मंच से समाज को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आज नहीं चेतेंगे तो कभी नहीं चेतेंगे. किसी जमाने में ब्राह्मण समाज से 60-60 विधायक हुआ करते थे, जो आज सिमटकर 17 गए हैं. ऐसे में उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं से ब्राह्मणों के लिए 30-30 टिकट देने की मांग की. इससे पहले उन्होंने ब्राह्मण समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई.

सर नहीं, अश्विनी भाई बोलें : उधर, कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ब्राह्मण महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि न तो उन्हें सर बोलो और न अश्विनी जी बोलो, बल्कि अश्विनी भाई बोलें. उन्होंने कहा कि भारत के नए निर्माण का संकल्प लो, ब्राह्मणों की आवाज की बुलंदी देश, प्रदेश और पूरे दुनिया की दिशा को बदल कर रख देगी. ब्राह्मणों की एकता हमेशा बनाए रखना. आज भगवान परशुराम का डाक टिकट जारी हुआ है, जो ब्राह्मणों की एकता का परिचायक है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान रेलवे को 9532 करोड़ रुपये का अनुदान मिल रहा है, इससे प्रदेश के 82 स्टेशन वर्ल्ड क्लास बनेंगे.

पढे़ं :ब्राह्मण महापंचायत के मंच से EWS आरक्षण, हिंदू रिलीजियस एक्ट बनाने और परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश की उठी मांग

हिंदू रिलिजियस एक्ट की मांग : वहीं, मंच से राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि जिस तरह अन्य समाज के आरक्षण को लाभ है, वो सारे लाभ ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को मिलने चाहिए. जितने भी धर्म स्थान और मंदिर सरकार के पास हैं, वे सारे ब्राह्मण समाज को वापस लौटाए जाएं. जिस तरह वक्फ बोर्ड है, उसी तरह सनातन धर्म हिंदू रिलिजियस एक्ट होना चाहिए और हिंदू मंदिरों पर केवल हिंदुओं का अधिकार होना चाहिए. इस दौरान मंच से ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 14 % करने, मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने, मंदिरों के पुजारियों का भत्ता बढ़ाने, पुजारियों के साथ होने वाली मारपीट की घटनाओं पर गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज करने और परशुराम जन्मोत्सव को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की भी मांग उठाई गई.

Last Updated :Mar 19, 2023, 7:58 PM IST

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