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सुप्रीम कोर्ट का अमरनाथ तीर्थयात्रियो संबंधी याचिका पर विचार से इनकार

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Published : Jul 13, 2020, 8:32 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर इस साल श्री अमरनाथ यात्रा के श्रृद्धालुओं को सीमित करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को विचार से इनकार कर दिया. न्यायालय ने कहा कि यह मसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ना होगा. पढ़ें पूरी खबरे...

अमरनाथ यात्रा रद करने की याचिका खारिज
अमरनाथ यात्रा रद करने की याचिका खारिज

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर इस साल श्री अमरनाथ यात्रा के श्रृद्धालुओं को सीमित करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को विचार से इनकार कर दिया. न्यायालय ने कहा कि यह मसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ना होगा.

न्यायमूर्ति डा धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा, 'हमें अधिकारों के वर्गीकरण के सिद्धांत का सम्मान करना है.'

इसके साथ ही पीठ ने कार्यपालिका के दायरे में आने वाले इस मामले पर गौर करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे कानूनी मानकों के अनुसार ही देखना होगा.

पीठ ने कहा, 'हमारा मत है कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपनाया गया तरीका अनुचित है. यात्रा के आयोजन का सवाल स्थानीय प्रशासन पर छोड़ देना चाहिए. निश्चित ही किसी भी नतीजे पर पहुंचने का निर्णय कानून और संबंधित कानूनी प्रावधानों पर आधारित होगा.'

शीर्ष अदालत 'श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर्स आर्गेनाइजेशन’ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस साल यात्रा में आने वाले यात्रियों को सीमित करने का निर्देश केन्द्र, जम्मू कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को दिया जाये.

याचिका में इंटरनेट और टेलीविजन के माध्यम से श्री अमरनाथ जी का साक्षात दर्शन कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था.

पीठ ने इस संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत की इस दलील पर भी गौर किया कि शीर्ष अदालत ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के समय भी इस तरह की सीमा निर्धारित की थी.

पीठ ने कहा कि बाद में न्यायालय ने अपने आदेश में संशोधन करके पुरी में रथ यात्रा निकालने की अनुमति प्रदान कर दी थी.

पीठ ने कहा, 'हम यह निर्धारित करने के लिये तैयार नहीं है कि क्या एक विशेष क्षेत्र में यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. इन मसलों पर जिला प्रशासन द्वारा ही विचार करने की आवश्यकता है. अमरनाथ यात्रा का आयोजन करने या नहीं करने का मसला स्थानीय प्राधिकारियों पर ही छोड़ देना बेहतर है.'

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच जुलाई को फैसला किया कि अमरनाथ यात्रा के लिये रोजाना 500 तीर्थयात्रियों को ही जम्मू से अमरनाथ गुफा तक सड़क मार्ग से ही जाने की अनुमति दी जायेगी.

बताया जाता है कि श्राइन बोर्ड सिर्फ 15 दिन के लिये ही यात्रा की अनुमति देने पर विचार कर रहा है.

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