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सफाई कर्मचारी परमेश्वरी ने बंजर जमीन पर उगाई लहलहाती फसल

वैतेश्वरन कोविल में एक सैनेटरी कार्यकर्ता परमेश्वरी ने अपनी मेहनत और लगन से बंजर भूमि को उपजाऊ जमीन में तब्दील कर दिया. पढ़िये परमेश्वरी की कहानी...

सफाई कर्मचारी परमेश्वरी
सफाई कर्मचारी परमेश्वरी

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Published : Aug 1, 2020, 5:27 PM IST

नागपट्टिनम: कचरे का शहर वैथेश्वरन कोविल में अब चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखती है. अगर दृढ़ संकल्प हों तो बंजर जमीन पर भी फूल खिला सकते हैं. इस कहावत को सच किया है एक सफाई कर्मचारी परमेश्वरी ने. दिलचस्प बात यह है कि वह शहर की मूल निवासी नहीं हैं, लेकिन अपने पति के साथ नागरिक निकाय में अनुबंध पर काम करने के लिए वो वहां गईं और बस गईं.

दंपती डंप यार्ड के एक कोने में रहते थे, क्योंकि किराए पर घर लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. अल्प आय में ही वो अपना गुजर-बसर करने पर मजबूर थे. इससे परमेश्वरी का जुनून कम नहीं हुआ और आज इसका परिणाम नजर आ रहा है.

सफाई कर्मचारी परमेश्वरी

बंजर भूमि कचरे के ढेर में बदल गई. यहां परमेश्वरी को खेती करने का अवसर मिला और उसने एक कोने में खेती शुरू की और आज नजारा कुछ अलग ही है. परमेश्वरी की कड़ी मेहनत ने इस बंजर जमीन की काया ही पलट दी है. अब यहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है.

परमेश्वरी और उनके पति, दोनों ही वैथेश्वरन कोविल टाउन पंचायत के दिहाड़ी मजदूर हैं और उनके पति डंप यार्ड के चौकीदार के रूप में काम करते हैं, जहां कचरे को अलग किया जाता है और जैविक उर्वरक में पुनर्नवीनीकरण किया जाता है. नागरिक निकाय के कार्यकारी अधिकारी ने इस दंपती को डंप यार्ड में रहने की अनुमति दी थी, क्योंकि वहां एक चौकीदार की भी आवश्यकता थी. उन्होंने यहां बागवानी करने और खेती करने का फैसला किया.

लहलहाती फसल

परमेश्वरी ने बताया कि मैं हमेशा खेती और पेड़ लगाने में रुचि रखती थी. एक दिन मुझे यह विचार आया कि क्यों न यहां की बंजर भूमि पर खेती की जाए. अगले दिन मैंने एक कुदाल ली और एक छोटे से क्षेत्र को समतल किया फिर मैंने मक्का बोया, जिसमें बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है. नगर पंचायत में काम के बाद मैं पौधों को पानी दिया करती थी. जल्द ही फसल तैयार हो गई.

परमेश्वरी को प्रोत्साहित करते हुए कार्यकारी अधिकारी ने उसे एक इलेक्ट्रिक पंखा प्रदान किया.

अब उन्होंने तमिलनाडु के स्थानीय प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमनी का ध्यान आकर्षित किया है, जिन्होंने उनकी ईमानदारी और दृढ़ता की सराहना की है.

मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि जहां चाह है, वहां राह है. इस कहावत को परमेश्वरी ने चरितार्थ किया है.

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