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किसान नेताओं के बीच 'दरार', आंदोलन से अलग हुए दो संगठन

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Published : Jan 27, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 7:11 PM IST

गणतंत्र दिवस के दिन किसान संगठनों के ट्रैक्टर परेड में जमकर उत्पात हुआ. इसके बाद आंदोलन को बिना शर्त समर्थन दे रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि वे अपना आंदोलन खत्म करेंगे. वीएम सिंह ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर एक प्रेस वार्ता में यह एलान किया. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी किसान आंदोलन से अपना नाम वापस लेने का फैसला लिया है.

किसान नेता वीएम सिंह
किसान नेता वीएम सिंह

गाजीपुर / नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने कहा है कि आंदोलन गलत दिशा में जाता दिख रहा है. ऐसे में वे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से तत्काल अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं. वीएम सिंह हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

वीएम सिंह का बयान.

वीएम सिंह ने ट्रैक्टर परेड के दौरान अराजकता में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार को दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

क्या कहा गाजीपुर सीमा से किसान नेता वीएम सिंह ने -

  • यहां पर नेतागीरी की होड़ लग गई है, गांव-गांव से चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. ये सब गलत है.
  • हम तो चाहते हैं कि खरीद की गारंटी मिल जाए, इसके अलावा और कुछ नहीं.
  • जिन लोगों ने लिखित में रूट मानने का वादा किया था, उऩ्होंने उसका पालन नहीं किया.
  • मैं अपने समर्थकों से अपील करता हूं कि वे भी सोचें, कि इस आंदोलन से क्या हल होने वाला है या नहीं.
  • मैं इस आंदोलन से अपना नाम वापस ले रहा हूं.

सरकार को भी ठहराया जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि सरकार की भी गलती है, जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी, जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी.

वीएम सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है. उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं. ITO में एक साथी शहीद भी हो गया, जो लेकर गया या, जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि मुझे उन विरोधों से कोई लेना-देना नहीं है,जिनकी अगुवाई उनके द्वारा की जा रही है और राकेश टिकैत ने उनकी ओर से प्रतिनिधित्व किया है.

इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी किसान आंदोलन से अपना नाम वापस लेने का फैसला लिया है. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर परेड हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. सैंकड़ों किसान परेड निकालते हुए ट्रैक्टर सहित लाल किला परिसर में घुस गए थे.

इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था. लाल किला परिसर में इस दौरान कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ भी हुई, जिसको लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं.

उधर किसान नेताओं ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए अराजक तत्वों पर इसका ठीकरा फोड़ा है. दिल्ली पुलिस हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुटी है.

Last Updated : Jan 27, 2021, 7:11 PM IST

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