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कानपुर मुठभेड़ : चौबेपुर थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, डीआईजी का तबादला

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Published : Jul 8, 2020, 4:03 AM IST

कानपुर एनकाउंटर को लेकर जारी जांच के बीच कानपुर पुलिस प्रशासन ने देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. इसके साथ ही एक डीआईजी भी का तबादला कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

chaubepur police station
चौबेपुर थाना

कानपुर : कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके अलावा कुछ समय पहले कानपुर के एसएसपी रहे एक पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) को भी स्थानांतरित कर दिया गया है.

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि बिकरु कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी.

उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की हिमायत कर रहे थे.

पुलिस ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. दुबे की रिश्तेदार क्षमा, पड़ोसी सुरेश वर्मा और घरेलू सहायिका रेखा को गिरफ्तार किया गया. रेखा का पति दयाशंकर अग्निहोत्री पहले ही सलाखों के पीछे है.

प्रवक्ता ने बताया कि थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें :गैंगस्टर विकास दुबे के रिश्तेदार फरीदाबाद से गिरफ्तार

इससे पूर्व, राज्य सरकार ने दुबे से संबंधों के आरोपों का सामना कर रहे एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक एवं कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को मंगलवार रात स्थानांतरित कर दिया.

राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक देव को पीएसी मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया है. वह उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी संबंध का आरोप लगाते हुए एक कथित पत्र लिखा था. हालांकि पुलिस ने कहा था कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है.

अनंत देव ने कहा था कि बिकरु कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित 14 मार्च को लिखे गए पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते. साथ ही उसमें ना कोई तारीख है और ना ही कोई सीरियल नंबर.

गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात को गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बिकरु गांव में दुबे के गुर्गों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे.

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