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हरियाणा : जड़ी बूटियों का खजाना, कैंसर के मरीजों को भी मिल रहा है आराम

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Published : Jun 4, 2020, 3:50 AM IST

एक तरफ कोरोना और बाकी दूसरी जानलेवा बीमारियां फैली हुई हैं. वहीं महंगे अस्पताल और आसमान छू रहे दवाईयों के दाम. वहीं इन सबके बीच रोहतक में जीवन रक्षक जड़ी बूटियों का खजाना है, जो कि आम लोगों के लिए बिल्कुल मुफ्त है. जानें विस्तार से...

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हर्बल पार्क

रोहतक : हरियाणा के रोहतक जिले में बने हर्बल पार्क में जीवन रक्षक जड़ी बूटियों का ढ़ेर है जो लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं. इतना ही नहीं महंगे इलाज के दौर में यहां आम लोगों के लिए जड़ी बूटियां बिल्कुल मुफ्त हैं. रोहतक में जींद रोड पर करीब 42 एकड़ में फैला ये हर्बल पार्क लोगों की लाइफ लाइन बनता जा रहा है. दूर-दूर से हजारों लोग यहां जड़ी बूटियां लेने आते हैं.

यहां की जड़ी-बूटियां हैं बेहद खास
इन जड़ी-बूटियों के सामने नाम, पहचान और इस्तेमाल की विधि तक लिखी गई है ताकि पहचान भी हो सके और कौन सी जड़ी बूटी किस मर्ज में इस्तेमाल होती है इसे पहचानने में दिक्कत भी न हो. हर्बल पार्क के अधिकारियों के अनुसार यहां हजारों लोग आते हैं और जड़ी बूटियां लेकर जाते हैं जो कि बिल्कुल मुफ्त दी जाती है. यही नहीं, इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके कैंसर के मरीजों को भी आराम मिल रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

42 एकड़ में फैले इस हर्बल पार्क में दस एकड़ में केवल जड़ी बूटियां उगी हुई हैं. लोग इस हर्बल पार्क में आते हैं और जड़ी-बूटियों के पत्ते, फूल और तने को लेकर जाते हैं और फायदा उठाते हैं. इस हर्बल पार्क में ऐसे पौधे भी हैं जो दूसरे जलवायु में होते हैं जैसे- इलायची, रुद्राक्ष और बादाम आदि.

सरकार को थोड़ा ध्यान देने की जरूरत
वन विभाग अधिकारी दलबीर सिंह बल्हारा ने बताया कि इस हर्बल पार्क में दस एकड़ में केवल जड़ी बूटियां उगाई जाती हैं जो आमजन के लिए बिल्कुल मुफ्त हैं. इसके अलावा दो एकड़ में नर्सरी है जिसमें पौधें तैयार करके नाममात्र दामों पर बेचे जाते हैं. इस हर्बल पार्क में आम लोगों के साथ-साथ वैध और देसी दवाओं के जानकार लोग भी जड़ी बूटियां लेने आते हैं.

इस तरह के हर्बल पार्कों पर अगर सरकार थोड़ा ध्यान दें तो लाखों लोगों को फायदा हो सकता है और सरकार भी फायदा उठा सकती है. हालांकि कोरोना संकट में केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज में करीब चार हजार करोड़ रुपए जड़ी-बूटी उगाने के लिए भी आरक्षित हैं, लेकिन ऐसे हर्बल पार्क को तभी बढ़ावा मिलेगा अगर ये राहत पैकेज का पैसा बिना गोलमाल के इन तक पहुंच पाए.

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