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मुंगेर हिंसा : सीआईएसएफ की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य, राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू

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Published : Oct 30, 2020, 7:03 PM IST

Updated : Oct 31, 2020, 3:39 AM IST

मुंगेर कांड को लेकर सीआईएसएफ की रिपोर्ट ने पुलिस की लापरवाही की ओर इशारा किया है. सीआईएसएफ की रिपोर्ट के बाद कहीं न कहीं जिला पुलिस मुश्किल में घिर चुकी है. इस मामले पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने मोर्चा संभाल लिया है. इसी बीच उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियां और थाना व चौकियां जलाने के साथ ही सैप जवानों को भगाते हुए उनके सामान भी लूट लिए. उपद्रवियों ने बैरक में घुसकर 140 कारतूस और चार मैगजीन और रुपए लूट लिए.

मुंगेर हिंसा
मुंगेर हिंसा

पटना/मुंगेरःबिहार के मुंगेर जिले में 26 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी की घटना तूल पकड़ती जा रही है. मुंगेर में बिगड़ते हालात को देखते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार ने मुंगेर में मोर्चा संभाल रखा है. इसके अलावे पुलिस मुख्यालय ने बीएमपी 15 के कमांडेंट और अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के दो अधिकारी को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग में लगाया गया है.

जानकारी के अनुसार उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियां और थाना व चौकियां जलाने के साथ ही सैप जवानों को भगाते हुए उनके सामान भी लूट लिए. उपद्रवियों ने बैरक में घुसकर 140 कारतूस और चार मैगजीन और रुपए लूट लिए. पुलिस मुख्यालय की मानें तो इस मामले की जांच हो रही है.

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक के शिव शंकर समेत समेत 2 जवान की तैनाती पूरब सराय थाना में है. चुनावी ड्यूटी से लौटने के बाद वह बैरक में आराम कर रहे थे. इसी दौरान अचानक हजारों की संख्या में उग्र भीड़ ने थाने और बैरक पर हमला कर दिया था. इसके बाद पूरे थाने और कैंपस में तोड़फोड़ की गई. बैरक के अंदर मौजूद सैफ के दो जवान अपनी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए. वहीं, उपद्रवियों ने मौका को देखते हुए लूटपाट की घटना को अंजाम दिया.

मुंगेर में हुए बवाल पर जानकारी देते संवाददाता

बिहार पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस मामले में डीआईजी के आदेश के बाद पूरे मामले की जांच चल रही है. जांच के बाद ही कुछ कह पाना मुमकिन होगा. मुंगेर के तत्कालीन एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस घटना की पुष्टि की है.

एसपी ने मुंगेर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की

किया जा रहा नुकसान का आकलन
इस घटना के बाद एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों नुकसान का आकलन करने में जुटे हैं. हिंसा और आगजनी के बाद पूरब सराय थाने में कारतूस और हथियारों का मिलान किया गया तो 140 कारतूस मिसिंग होने की बात सामने आई. इसको लेकर एसपी ने कहा कि खोज जारी है. कारतूस नहीं मिली तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

सीसीटी फुटेज के आधार पर होगी कार्रवाई
इसके अलावा एसपी ने कहा कि थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा है. जिसके फुटेज के आधार पर नामजद अभियुक्त बनाए जाएंगे. अगर ट्रेस नहीं मिला तो अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि 5 थानों को नुकसान पहुंचाया गया है. जिसमें कोतवाली, पूरब सराय और बासुदेवपुर थाने को ज्यादा नुकसान हुआ है. सभी थाने के नुकसान का आकलन किया जा रहा है. इस संबंध में अलग-अलग प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.

लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
इस घटना को लेकर एसपी ने लोगों से कानून को हाथ में नहीं लेने, शांति बनाए रखने और विधि व्यवस्था कायम करने में पुलिस की मदद करने की अपील की है. उन्होंने जिलेवासियों से कहा है कि किसी भी अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. किसी भी तरह की कोई जानकारी चाहिए तो पुलिस से संपर्क करें. पुलिस आपकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है.

आक्रोशित लोगों ने विरोध जताने के लिए सड़क बाधित करने की कोशिश की. इसी क्रम में कई स्थानों पर टायर जलाकर सड़क को अवरुद्ध करने का प्रयास भी किया गया.

मुंगेर में अशांति के बाद सड़क बाधित करने की कोशिश

इलाके में शांति बनी रहे इसके लिए आलाधिकारी मोर्चा संभाले हुए हैं. खुद डीआईजी मनु महाराज सड़कों पर हैं.

कैंम्प करते डीआईजी मनु महराज

राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू

इस घटना पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सरकार मुंगेर की घटना को लेकर गंभीर है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हरकत में नहीं होती तो ज्ञापन का कोई मतलब होता. सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार के शासन काल में छोटी से छोटी घटनाओं में भी कानून काम करता हुआ दिखाई दिया है. इस मामले में भी कानून काम करता हुआ दिखाई देगा.

मुंगेर की घटना पर सत्तारुढ़ जदयू का पक्ष

दूसरी ओर मुंगेर मामले पर कांग्रेस ने राज्यापाल को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. जिसके बाद जेडीयू कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि मुंगेर जैसी ही घटना कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुई है. वहां चुनाव भी नहीं है. वहां कार्रवाई करने के नाम पर कांग्रेस के मुंह में दही जम जाता है और यहां राजभवन जाकर नौटंकी कर रही है.

तेजस्वी का बयान

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फिर से एक बार मुंगेर की घटना को लेकर नीतीश सरकार को दोषी बताया है. उन्होंने कहा है कि जब तक हाईकोर्ट के मॉनिटरिंग में इसकी जांच नहीं होगी, असली दोषी को सजा नहीं मिल पाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.

मुंगेर घटना पर सीएम तोडे़ं चुप्पी

तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरे और परिवार वालों को गाली देने के लिए उनके पास समय हैं लेकिन जब मुंगेर घटना को लेकर उनसे जवाब मांगा जाता है. तो ऐसा लग रहा हैं कि उनके मुंह में दही जम गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में नीतीश कुमार गृह मंत्री हैं उन्हें जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुंगेर घटना के बाद 50 से 60 लोगों को पुलिस कहां गायब कर के रखा है. इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए.

चिराग पासवान ने नीतीश को बताया दोषी

घटना को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है. इसी कड़ी में शुक्रवार को लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने भी इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार जातिवाद विचारधारा के मुख्यमंत्री हैं, जरूरत पड़ने पर कहीं भी वह लाठियां चलवा देते हैं और जरूरत पड़ने पर मृतक को मुआवजा देने की भी बात कहते हैं.

मुंगेर की घटना में सबसे सरकार दोषी
चिराग पासवान ने कहा कि मुंगेर की घटना में अगर सबसे बड़ा दोष किसी का है तो वह बिहार सरकार का है, क्योंकि जिस तरह दुर्गा भक्तों पर गोली चलाई गई, उससे साफ जाहिर होता है कि किसी अधिकारी ने ही गोली चलाने का आदेश दिया होगा और निश्चित तौर पर इसकी जांच होनी चाहिए कि किस अधिकारी ने दुर्गा भक्तों पर गोली चलाने का आदेश दिया था.

चुनाव आयोग ने की त्वरित कार्रवाई
बता दें कि 26 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं पर पुलिस द्वारा लाठी और गोली चलाई गई थी. जिसमें एक की मौत हो गई थी. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने मुंगेर के थाने चौकी पर हमला बोल दिया था. इस घटना की सूचना पर चुनाव आयोग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वहां के डीएम और एसपी को तत्कालीन पद से हटाते हुए नए डीएम और एसपी की प्रतिनियुक्ति की थी. मुंगेर गोलीकांड मामले की जांच मगध प्रमंडलीय आयुक्त कर रहे हैं. उन्हें है 1 हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट सोपने का आदेश दिया गया है.

पहली गोली लोकल पुलिस द्वारा चली- रिपोर्ट
बता दें कि इससे पहले चुनाव डियूटी में तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने जो रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है, उसमें बताया गया है कि भीड़ पर पहली गोली लोकल पुलिस द्वारा चलाई गई थी. जिसके बाद वहां मौजूद सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जवानों ने बचाव में फायरिंग की थी. मुंगेर कांड को लेकर सीआईएसएफ की गोपनीय रिपोर्ट ने सारे मामला को खोल कर रख दिया है. सीआईएसएफ की इस रिपोर्ट के बाद जिला पुलिस की मुश्किलें बढ़ गईं हैं.

तमाम हालात पर है अब प्रशासन की कड़ी नजर
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार के मुताबिक मुंगेर में हालत नियंत्रण में है. बीएमपी की दो कंपनियों को वहां तैनात किया गया. घटना से आक्रोशित आम लोगों द्वारा गुरुवार को उपद्रव के बाद चुनाव आयोग के जरिए मुंगेर के डीएम और एसपी को हटा दिया गया. इसके बाद गृह विभाग के जरिए तत्काल नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार दिया गया. दोनों अधिकारी पदभार ग्रहण करने के बाद विधि व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं.

जितेंद्र कुमार, एडीजी मुख्यालय

वहीं, BMP 15 के प्रतिनियुक्त कमांडेंट संजय सिंह को अविलंब मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज को रिपोर्ट करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है.

CISF की रिपोर्ट

CISF द्वारा दी गई रिपोर्ट की फोटो देखें

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CISF की रिपोर्ट

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रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली गोली स्थानीय पुलिस के जरिए चलाई गई थी जबकि मुंगेर पुलिस का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई है. असामाजिक तत्वों के जरिए गोली चलाई गई थी. गोली में एक व्यक्ति की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं.

क्या है घटनाक्रमः-

  • प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हुई फायरिंगःमुंगेर में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान 26 अक्टूबर को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गोलीबारी हुई. जिसमें एक 17 वर्ष नाबालिग युवक अनुराग पौदार की मौत हो गई. जिसके बाद हजारों की संख्या में मुंगेर की जनता ने सड़कों पर निकल कर उपद्रव किया. साथ ही एसपी लिपि सिंह को हटाने की मांग करने लगे. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस इस बात की थोड़ी भी आशंका नहीं थी कि युवक का मौत मामला इतना गरमा जाएगा.
  • 29 अक्टूबर को दोबारा हुआ बवालःघटना के बाद पुलिस और सरकार से नाराज लोग दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के बाद उग्र लोगों ने गुरुवार को एक बार फिर मुंगेर को आग के हवाले कर दिया. जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान लोगों ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी है और थाने पर पथराव किया. एसपी लिपि सिंह के दफ्तर को भी निशाना बनाया गया.
    29 अक्टूबर को हुई आगजनी
  • एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा हटाए गएःगुरुवार 29 अक्टूबर को फिर से शहर में भड़की हिंसा के बाद बिहार निर्वाचन आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया. इसके बाद गृह विभाग के जरिए तत्काल नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार दिया गया.
  • नए एसपी और डीएम ने संभाली कमानः30 अक्टूबर को मुंगेर के नए डीएम रचना पाटिल और नए एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पदभार संभाला. आरोपों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. बीएमपी 15 के कमांडेंट और अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के दो अधिकारी को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग में लगाया गया है.
Last Updated : Oct 31, 2020, 3:39 AM IST

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