उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल से सटे एक गांव रोहनिया से एक मां की बहादुरी की घटना सामने आई है. एक मां अपने 15 महीने के मासूम को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई. उस मां ने ये भी नहीं सोचा कि बाघ उसपर भी हमला कर सकता है, मां को बस अपने जिगर के टुकड़े की चिंता थी. उसने अपनी ममता की ताकत के बल पर अपने मासूम की जिंदगी बचा ली. बाघ के हमले में मां और बेटा दोनों घायल हो गए हैं, जिनका इलाज किया जा है.
बाघ के हमले से मां ने कैसे बच्चे की बचाई जान: उमरिया के वन परिक्षेत्र मानपुर के अंतर्गत ज्वालामुखी के ग्राम रोहनिया में मां अर्चना अपने 15 माह के बेटे राजवीर को लेकर खेत में काम कर रही थी. इस दौरान जंगल की तरफ से दौड़ते हुए अचानक बाघ आया और बेटे राजवीर पर हमला कर दिया. बाघ की आहट सुनकर अर्चना ने दौड़ लगाई और बाघ को चकमा देते हुए मासूम राजवीर को खींच लिया. जैसे ही उसने मासूम पर पंजा मारने की कोशिस की बाघ के सामने मां खड़ी हो गई. मासूम बच्चे की छाती, पीठ और शरीर पर खरोंच के कई निशान पड़ गए हैं. अपने शिकार को छिटकता देख बाघ ने बेटे को बचाने गई मां पर भी हमला किया, लेकिन उसने बच्चे को छाती से चिपकाया और जमीन पर उसे गिराकर उसके ऊपर लेट गई. इस हमले में अर्चना को भी कई जगह बाघ ने पंजे मारकर घायल कर दिया है. मां और बेटे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया गया है, जहां उनको प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है. (tiger attacked 15 month child mother saved son life)