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रात में दुश्मनों के हमले से सैनिकों को महफूज रखेगा ये खास आर्मी कैंप

गोरखपुर में छात्रों ने एक खास आर्मी कैंप बनाया है. यह कैंप जवानों को रात में दुश्मनों के हमले से सुरक्षित रखेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : May 25, 2023, 1:25 PM IST

गोरखपुर: अंधेरे में आतंकी और नक्सली हमले से सैनिकों को एंटी अटैक आर्मी कैंप सतर्क करेगा. यह मॉडल आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया है. यह कैंप आधुनिक तकनीक से पूरी तरह से लैस है.

गोरखपुर के छात्रों ने तैयार किया खास आर्मी कैंप.

आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र दिग्विजय यादव, अमन शर्मा, दीपक कुशवाहा ने मिलकर इस मॉडल को तैयार किया है. इस कार्य में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष विनीत राय और सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने उनका मार्गदर्शन किया है.

आधुनिक तकनीक से लैस है कैंप.

सेंसर से लैस इस मॉडल को बनाने का मुख्य उद्देश्य अंधेरे में आतंकी व नक्सली हमलों से जवानों को सतर्क करना और ऑटोमेटिक गोली चलाने मे सक्षम बनाना है. एंटी अटैक आर्मी कैंप मौजूदा आर्मी कैंप से अलग है. यह स्मार्ट एंटी अटैक आर्मी कैंप वायरलेस, लैंडमाइंस, सेंसर, रेडियो फ्रिक्वेंसी, मोशन सेंसर और कैमरे से लैस है. इस सेंसर के रेडियो रिसिवर, कैंम्प के अंदर व बाहर लगे हैं जो छोटे - छोटे ट्रांसमीटर हैं.

लैंडमाइंस ट्रांसमीटर को कैंप से दूर चारों तरफ जमीन के अंदर छुपाकर फिट किया जाता है. जैसे ही इस लैंडमाइंस में लगे प्रेशर सेंसर स्विच पर कोइ दबाव पडता है तो स्मार्ट कैंप में लगे अलार्म के रेड सिग्नल ब्लिंक करने लगते हैं, इससे कैंप के अंदर मौजूद जवान सतर्क हो जाते हैं.

जवानों को रखेगा सुरक्षित.
छात्र दीपक कुशवाहा का कहना है कि कश्मीर में जवानों के कैंप के ऊपर हुए हमले के बाद वह और उसके साथियों ने स्मार्ट कैंप बनाने की सोची और प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. उसने अपने प्रोजेक्ट को अपने हेड को दिखाया तो उनका इसमें उन्हे कुशल मार्गदर्शन मिला जिसके फलस्वरूप यह आधुनिक तकनीक से लैस कैंप तैयार हो गया.

उन्होंने बताया कि इसमें एक और भी सेंसर है ज़ो वस्तु की गति को डिटेक्ट करते ही कैंप को सिग्नल भेजता है कि हमारे कैंप के रेड जोन एरिया में कोई आया है. इस सेंसर को भी कैंप के 200 मीटर के एरिया में लगाया जा सकता है. कैंप में इलेक्ट्रिक सोलर गन भी लगाई है जो पलक झपकते ही दुश्मन पर निशाना साध सकती है. कैंप में लगी गन से हमारे जवान चारों तरफ रिमोट की सहायता से गोलियों की बौछार कर सकते हैं.

बताया गया कि इस कैंप का प्रोटोटाइप बनाने मे 15 दिन का समय लगा है. इसे बनाने में मेटल गन, हाफ इंच बैरल पाइप, 12 वोल्ट गियर मोटर, वायरलेस फ़ायरिंग, मैन्युअल फ़ायरिंग ट्रिगर, रेडियो सेंसर्स, सोलर 12 वोल्ट, बैटरी 9 वोल्ट, मॉनिटर डिस्प्ले इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं.

संस्थान के निदेशक डॉ एनके सिंह ने बताया कि छात्रों के द्वारा लाए गए इन्नोवेशन आइडिया अगर अच्छे है तो संस्थान उक्त छात्रों के आइडिया को नवाचार में बदलने के लिए हर संभव मदद प्रदान करता हैं. सेना के जवानों की सुरक्षा के लिये बनाया गया स्मार्ट कैंप देश के काम आ सकता है. इस संबंध में गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को पत्र लिखा जा रहा है जिससे की छात्रों को उचित सहायता मिल सके.

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