अमरावती: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की जमानत याचिका 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री 28 नवंबर तक अस्थायी जमानत पर हैं. कौशल विकास घोटाले को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जिसने कहा है कि वह दिवाली की छुट्टियों के बाद अपना फैसला सुनाएगा.
इस बीच, सीआईडी ने अमरावती भूमि घोटाले को फिर से खोलने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. जिसमें नायडू और वरिष्ठ टीडीपी नेता पी नारायण को आरोपी के रूप में नामित किया गया है. हालांकि इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है. इस मामले में नायडू का प्रतिनिधित्व जी सुब्बा राव ने किया था. इस मामले में चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 482 और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया था.
उच्च न्यायालय ने अमरावती भूमि घोटाला मामले की सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी. मंगलागिरी विधायक ए राम कृष्ण रेड्डी ने इस मामले में नायडू और नारायण के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने 2014 और 2019 के बीच टीडीपी शासन के दौरान एससी और एसटी समुदाय के लोगों की जमीनें हड़प लीं.
गुरुवार (9 नवंबर) को फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई. अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले को यह कहते हुए टाल दिया कि कौशल विकास घोटाला मामले को रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर फैसला अदालत की दिवाली की छुट्टियों के बाद आने की संभावना है.