दिल्ली

delhi

दुर्घटना के समय एयरबैग नहीं खुलना कार का मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, निर्माता को 20 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश : उपभोक्ता आयोग

By

Published : Jun 23, 2023, 10:00 AM IST

Updated : Jun 23, 2023, 10:09 AM IST

कार में सीट बेल्ट लगे होने के बाद भी दुर्घटना मेे एयरबैग का नहीं खुलना कार निर्माता कंपनी का मैन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट है. इसलिए उपभोक्ता आयोग ने कार निर्माता कंपनी को 21 लाख रुपए बतौर मुआवजा परिवादी को देने के आदेश दिए है. इसके लिए कंपनी को 45 दिन का डेडलाइन दिया.

Etv Bharat राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जोधपुर
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जोधपुर

जोधपुर.कार में सीट बेल्ट लगे होने के बाद भी दुर्घटना में एयरबैग नहीं खुलने से चालक की मौत की खबर सामने आई है. जिसे कार में उत्पादकीय त्रुटि मानते हुए राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जोधपुर ने परिवादी को 45 दिन में मुआवजा 20 लाख रुपए, मानसिक संताप 50 हजार रूपए और परिवाद व्यय 50 हजार रूपए अदा करने का आदेश दिया है. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छवाहा और सदस्य निर्मल सिंह मेडतवाल और लियाकत अली ने परिवाद मंजूर करते हुए देश की नामी कार निर्माता कम्पनी को मुआवजा देने का आदेश दिए हैं.

जोधपुर निवासी श्रीमती नीतू ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से आयोग में परिवाद दायर किया था. दावे में परिवादी ने कहा कि उनके पति वीरेंद्र सिंह ने 2 मई 2012 को करीब दस लाख रुपए की कार खरीद थी. जिसमें एयरबैग भी लगे हुए थे. उन्होंने कहा कि 27 दिसंबर 2012 को उनके पति सीट बेल्ट लगाकर जोधपुर से 3 अन्य व्यक्तियों के साथ जा रहे थे. तभी नागौर में अज्ञात वाहन से दुर्घटनाग्रस्त होकर उनकी कार सड़क सड़क किनारे लगे लोहे के साइन बोर्ड से जा टकराई. फिर दो तीन बार पलटी खाने से चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. एडवोकेट भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि बाकी तीनों मृतकों के परिजनों ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में दावा किया है, लेकिन वीरेंद्र सिंह जो कि स्वयं ही कार चला रहे थे. कार में सीट बेल्ट लगाने के बाद भी एयरबैग नहीं खुलने से उनका भी निधन हो गया. एयरबैग नहीं खुलना उत्पादकीय त्रुटि है और इसके लिए कार निर्माता कंपनी पूर्णतया जवाबदेह और जिम्मेदार है. यदि एयरबैग खुल जाता तो परिवादी के पति की जान बच जाती.

उन्होंने कहा कि कार निर्माता कम्पनी से मुआवजा मांगे जाने पर कंपनी ने हास्यास्पद कारण बताया कि कार की सीधी टक्कर नहीं हुई और आगे का हिस्सा 30 फीसदी से कम क्षतिग्रस्त होने पर वे जवाबदेह नहीं है. अधिवक्ता ने कहा कि दुर्घटना से बचने की हर चालक कोशिश करता है. कार निर्माता ने खरीदते समय यह नहीं बताया कि किस तरह की दुर्घटना होने पर एयरबैग खुलेंगे. इसलिए कार निर्माता से मुआवजा पाने का परिवादी हकदार है. नामी कार निर्माता कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि कार खरीदते समय दी गई मैनुअल में प्रावधान है कि कम से कम कार का अगला हिस्सा 30 फीसदी क्षतिग्रस्त होने पर ही एयरबैग खुलेंगे, जबकि इस दुर्घटना में कार का अगला हिस्सा केवल 20 फीसदी ही क्षतिग्रस्त हुआ इसलिए परिवाद को खारिज किया जाए.

पढ़ें दुर्घटना के दौरान एयर बैग नहीं खुलने पर कार निर्माता कंपनी पर पांच लाख का हर्जाना

राज्य आयोग ने परिवाद मंजूर करते हुए कहा कि यह निर्विवाद है कि दुर्घटना में 40 वर्षीय कार चालक की मृत्यु एयरबैग नहीं खुलने की वजह से हुई है. कार की बीमा कंपनी ने कार की क्षति टोटल लॉस मानते हुए कार का दावा अदा किया है जिसमें कार का आगे का हिस्सा भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ है. उन्होंने कहा कि निर्माता की ओर से कार मैनुअल खरीद के बाद दी जाती है. इसलिए कार निर्माता का यह तर्क नहीं माना जा सकता है कि इस कार दुर्घटना में एयरबैग नहीं खुलना कोई सेवा दोष नहीं है.

आयोग ने कहा कि दुर्घटना के समय कार चालक के सीट बेल्ट लगे होने पर भी एयरबैग नहीं खुलना निश्चित तौर पर कार की उत्पादकीय त्रुटि है. अतिसूक्ष्म व जटिल तकनीकी आधार पर परिवाद को खारिज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने परिवाद मंजूर करते हुए कार निर्माता कंपनी को निर्देश दिया कि 45 दिन में परिवादी को क्षति के रूप में 20 लाख रुपए, मानसिक संताप के 50 हजार रुपए और परिवाद व्यय के 50 हजार रुपए कुल 21 लाख रुपए दिए जाएं. जिसमें से परिवादी को 15 लाख रुपए, मृतक के दोनों पुत्रों को दो दो लाख रुपए और माता पिता को एक एक लाख रुपए अदा किए जाएं.

Last Updated : Jun 23, 2023, 10:09 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details