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Heavy Rain in Haryana: हरियाणा में बारिश से हाल बेहाल, 600 गांव जलमग्न, वंदेभारत समेत 33 ट्रेनें रद्द

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Published : Jul 11, 2023, 3:56 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 6:47 PM IST

हरियाणा में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. आलम यह है कि कहीं सड़कें धंस रही हैं तो खेत-घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हैं. हरियाणा में बारिश की वजह से 9 जिलों के करीब 600 गांव पानी से घिर गए हैं या गांवों में पानी भर गया है. इसके अलावा खेतों में कई फीट पानी लगने से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताए जा रही है. (Heavy Rain in Haryana)

Heavy Rain in Haryana
हरियाणा में भारी बारिश से बढ़ी मुसीबत.

चंडीगढ़: बीते शनिवार से उत्तर भारत में हो रही बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. हिमाचल में भारी बारिश की वजह से यमुना का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही हरियाणा की घग्गर, मार्कंडेय और टांगरी नदियां भी पहाड़ों में हो रही बारिश की वजह से लोगों के लिए मुसीबत बन गईं हैं. इस बीच मौसम विभाग ने आज भी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. यानि अतिसक्रिय मानसून लोगों की मुसीबत और बढ़ा सकता है. आज भी प्रदेश के पश्चिमी दक्षिणी जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है.

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9 जिलों के 600 गांव पानी में डूबे:हरियाणा में शनिवार से हो रही बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होता दिखाई दे रहा है. हरियाणा में बारिश की वजह से 9 जिलों के करीब 600 गांव पानी में डूब चुके हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित अंबाला जिला है, जहां पर करीब 40 फीसदी इलाका बरसाती नदियों का घग्गर और टांगरी की वजह से प्रभावित हुआ है.

अंबाला से गुजरने वाली वंदेभारत समेत 33 ट्रेन रद्द: अंबाला में जलभराव की वजह जिले से गुजरने वाले 7 सड़क मार्ग ब्लॉक हुए हैं, जिसकी वजह से 3 राज्यों से संपर्क कटा हुआ है. वहीं, अंबाला में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है, जो जलभराव में फंसे लोगों को निकलने के काम में जुटे हैं. अभी तक बारिश की वजह से प्रदेश में 9 लोगों की मौत हुई है. अंबाला से गुजरने वाली करीब 33 ट्रेनों को रद्द किया गया है, जिसमें वंदे भारत ट्रेन को भी रद्द किया गया है. अंबाला जिले को सबसे ज्यादा घग्गर, टांगरी और कुछ क्षेत्र को मार्कंडेय नदी भी प्रभावित करती है. यह सभी नदियां बरसाती नदियां हैं. मार्कंडेय नदी सबसे ज्यादा कुरुक्षेत्र और उसके आसपास के इलाके को प्रभावित करती हैं. घग्गर मार्कंडेय और टांगरी नदी से भी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिले में बड़े पौमाने पर फसलों को नुकसान होने की आशंका है.

हरियाणा के किस जिले में कितनी बारिश.

बारिश प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक सचिवों की नियुक्ति: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आदेश जारी कर 7 वरिष्ठ अधिकारियों को आगामी आदेशों तक अत्यधिक जलभराव वाले जिलों में प्रशासनिक सचिव कम जिला इंचार्ज लगाया है. प्रशासनिक सचिव संबंधित जिलों के उपायुक्त के साथ तालमेल कर जलभराव से पीड़ित लोगों की मदद करने के कार्य की देखरेख करेंगे.

हरियाणा में बारिश प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक सचिवों की नियुक्ति.

इन्हें मिली यहां की जिम्मेदारी: हरियाणा सरकार ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक सचिवों की नियुक्ति कर दी है. सरकार ने सात जिलों में प्रशासनिक सचिव नियुक्त किए हैं. एसीएस सुमिता मिश्रा को पंचकूला, अंकुर गुप्ता को अंबाला, जी अनुपमा को कुरुक्षेत्र, टीवीएसएन प्रसाद को करनाल जिले की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, इसके अलावा पानीपत में अपूर्व कुमार सिंह, यमुनानगर में अरुण कुमार गुप्ता और कैथल में विकास गुप्ता को तैनात किया गया है. नियुक्त किए गए प्रशासनिक सचिव प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेंगे.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा: हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज शाम डिफेंस कॉलोनी, बोह, बब्याल, टंगरी बांध रोड, रामपुर, खोजकीपुर, प्रभु प्रेम पुरम एवं अन्य कॉलोनियों का मुआयना कर लोगों से बातचीत की. इस दौरान अनिल वेज ने इन क्षेत्रों में पानी निकासी का भी जायजा लिया. उन्होंने रामपुर सरसेहड़े से चंदपुरा रोड के क्षतिग्रस्त हिस्से का मुआयना किया और मौके पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को बुलाकर क्षतिग्रस्त हिस्से की तुरंत मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा:

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हथनीकुंड बैराज पर इस सीजन का सबसे ज्यादा पानी: इसके साथ ही यमुना का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से हरियाणा के करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि यमुना का पानी दिल्ली में प्रवेश करता है. . सोमवार को हथनीकुंड बैराज पर 3 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी था, जबकि रविवार को हथनीकुंड बैराज पर 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी था. मंगलवार को यहां 11 से 12 बजे के बीच पानी 359000 क्यूसेक के लेवल को क्रास कर गया था. वहीं, लगातार बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ता जा रहा है. हथनीकुंड बैराज पर आ रहे पानी को यमुना नदी में डायवर्ट किया जा रहा है.

बारिश से लोग बेहाल.

बाढ़ से ये जिले प्रभावित: यमुना नदी में हिमाचल, उत्तराखंड की छोटी-छोटी बरसाती नदियों का पानी आता है, जिसकी वजह से इसका जलस्तर बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह पहाड़ों में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश है. यमुना से प्रभावित होने वाले जिले करनाल, पानीपत और सोनीपत के बाद दिल्ली हैं. बता दें कि, हथनीकुंड बैराज पर जब एक लाख क्यूसेक पानी दर्ज किया जाता है तो मिनी फ्लड घोषित किया जाता है. इसके साथ ही जब ढाई लाख क्यूसेक पानी हथनीकुंड बैराज पर हो जाता है तो फ्लड घोषित किया जाता है. अभी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इससे हरियाणा में तीन जिलों करनाल, पानीपत और सोनीपत के 100 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं. जिनकी करीब 1 लाख 30 हजार एकड़ जमीन इससे प्रभावित होती है.

हरियाणा में भारी बारिश से चारों ओर जलभराव.

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कौशल्या डैम का जलस्तर भी बढ़ा: इसके साथ ही पंचकूला में बने कौशल्या डैम में भी लगातार पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है, बीती रात 4564 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया. घग्गर नदी के जल प्रवाह की वजह से हरियाणा और पंजाब के कई इलाके प्रभावित हुए हैं. अंबाला में खुद गृह मंत्री अनिल विज लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं. अंबाला प्रशासन ने 15 जुलाई तक स्कूलों को बंद कर दिया है.

पानीपत में गौशाला में 19 फीट पानी भरा: हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से सोमवार को छोड़ा गया पानी आज पानीपत में दस्तक दे चुका है. हथनीकुंड बैराज का पानी यमुना नदी से सटे जलालपुर गांव में पहुंचने के साथ ही तटबंध टूट चुका है, जिसके चलते कई क्षेत्र जलमग्न हो चुके हैं. सनौली रोड स्थित गौशाला में 10 फीट पानी भर चुका है. गौशाला में पानी भरने पर ग्रामीण गौवंशों को बाहर निकालने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं, पानी में डूबने से 3 गौवंश की मौत हो चुकी है. बाकी बची गायों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है.

पानीपत में 20 हजार से ज्यादा एकड़ में फसल तबाह: यमुना नदी में आई बाढ़ से 20,000 से ज्यादा एकड़ फसल तबाह हो चुकी है. 2012 में यह तटबंध यहीं से टूट गया था, जिसके बाद पानीपत के निचले इलाकों में भारी तबाही हुई थी. फिलहाल, प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन बुलवाकर टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, बेलदार फसलें पहले ही पानी में तबाह हो चुकी हैं. अब धान की फसलों के ऊपर से पानी बह रहा है, जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं. क्योंकि, धान की फसल को दोबारा लगाना पड़ेगा.

Last Updated : Jul 11, 2023, 6:47 PM IST

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