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13 दिसंबर 2001 : जब हमारे सुरक्षाबलों ने संसद परिसर में ही पाक प्रायोजित आतंकवादियों का कर दिया था काम तमाम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2023, 10:30 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 12:15 PM IST

भारत में आजादी के बाद कई बार बड़े आतंकवादी हमले हो चुके हैं. 2001 में भारतीय संसद पर लोकसभा सत्र के दौरान हमला कर देश के टॉप नेताओं की हत्या की पाकिस्तानी साजिश को सुरक्षाकर्मियों ने जान पर खेलकर विफल कर दिया था. पढ़ें पूरी खबर..Attack On Indian Parliament, Terrorist Attack On India, 2001 Indian Parliament Attack Anniversary, Parliament attack 2001.

Parliament attack 2001
Parliament attack 2001

हैदराबाद :देश मेंलोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिरभारतीय संसद पर 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला कर दिया. हमले में 9 लोग मारे गये थे. इनमें 6 सुरक्षाकर्मी, संसद के 2 सुरक्षाकर्मी और एक माली की मौत हो गई थी. देश के सबसे सुरक्षित स्थलों में से एक संसद के सुरक्षा घेरे को भेद कर आतंकवादी परिसर के भीतर प्रवेश कर गये, लेकिन मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने अपने जान की बाजी लगाकर संसद भवन के भीतर प्रवेश करने से रोक दिया.

संसद में उस दिन शीतकालीन सत्र चल रहा था. हादसे के दिन महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामे के बाद सदन को स्थागित कर दिया गया था. इसी बीच तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी सदन से बाहर जा चुकी थीं. हमले के समय सदन के भीतर बड़ी संख्या में बड़ी संख्या सदस्य मौजूद थे. सुबह 11.30 बजे आतंकवादियों और भारतीय सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गया था जो दोपहर 4 बजे तक चला था. इस दौरान सभी 5 हमलावर मारे गये थे.

क्या हुआ हमले के दिन
13 दिसंबर 2001 को संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था. सुबह करीब 11:40 बजे संसद एक जाली स्टीकर लगी सफेद एंबेसेडर कार संसद परिसर के बाहरी इलाके में घुसा. कार में 5 आतंकवादी संसद परिसर में घुस आए. एके-47 राइफलों, हथगोले और अन्य घातक हथियारों के पहुंचे आंतवादियों की योजना सदन के भीतर प्रवेश कर व्यापक तबाही मचाना था. लेकिन इसी बीच कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव ने परिसर के भीतर एंबेसेडर कार लेकर पहुंचे आतंकवादियों की गतिविधियों पर शक हुआ. संसद भवन को सुरक्षित करने के लिए कांस्टेबल कमलेश कुमारी संसद भवन के एक नंबर गेट को बंद करने के लिए पहुंची. इसी बीच आतंकवादियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दिया. इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. इस दौरान संसद भवन के सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने जवाबी फायरिंग कर आतंकवादियों के मंसुबे पर पानी फेर दिया.

कौन था जिम्मेदार
हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने संबोधन के दौरान लोकसभा में कहा, 'अब यह स्पष्ट है कि आतंकवादी हमला हुआ. संसद भवन को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दिया गया था. सभी हमलावर पाकिस्तान के नागरिक थे. पुलिस जांच के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्तों ने हमले को अंजाम दिया था. इन्हें पाक आईएसआई से संरक्षण प्राप्त था.

संसद पर हमले के बाद का नजारा (फाइल फोटो)
संसद पर हमले की बरसी (फाइल फोटो)

आतंकवादियों का क्या हुआ
हमले के 72 घंटे के अंदर ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की मदद से मामले का खुलासा कर दिया गया. वाहन नंबर और कॉल विवरण के जांच एजेंसी ने पाया कि ये पांचों सदस्य पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सदस्य थे. हमले के बाद जांच एजेंसियों की कार्रवाई में कम से कम चार आरोपी पूर्व जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) उग्रवादी मोहम्मद अफजल गुरु, उसका चचेरा भाई शौकत हुसैन गुरु, शौकत की पत्नी अफसान गुरु और दिल्ली विश्वविद्यालय में अरबी के व्याख्याता एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया गया. दो हफ्ते के अंदर कोर्ट ने अफसान को बरी कर दिया और गिलानी, शौकत और अफजल को मौत की सजा सुनाई. बाद में, गिलानी को 2005 में मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल की जेल की सजा में तबदील कर दिया.वहीं 2013 में अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.

संसद पर हमला (फाइल फोटो)
संसद पर हमला (फाइल फोटो)
संसद पर हमले की बरसी (फाइल फोटो)

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Last Updated : Dec 13, 2023, 12:15 PM IST

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