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कागजों में मरा बताकर सरकार ने बंद कर दी पेंशन, 102 साल के बुजुर्ग ने बैंड बाजे के साथ निकाली बारात

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Published : Sep 8, 2022, 8:51 PM IST

रोहतक में 102 साल के बुजुर्ग को मरा (alive man declared dead in rohtak) हुआ बताकर पेंशन बंद कर दी गई, जिसके बाद बुजुर्ग ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए ऐसा तरीका निकाला कि हर कोई देखता रह गया. बुजुर्ग ने जो किया उसकी तस्वीरें देखकर आपको हंसी तो आएगी लेकिन ये सोचकर हैरानी भी होगी कि खुद को जिंदा साबित करने के लिए बुजुर्ग को क्या करना पड़ रहा है. वीडियो देखने और पूरा मामला जानने के लिए ख़बर पढें...

रोहतक में दुलीचंद ने निकाली बारात
रोहतक में दुलीचंद ने निकाली बारात

रोहतक: किसी को मरा हुआ बताकर पेंशन रोकने के कई मामले आपने सुने होंगे लेकिन खुद को जिंदा साबित करने के लिए रोहतक के 102 साल के बुजुर्ग ने जो किया वो शायद ही किसी ने किया (Unique protest for pension) होगा. रोहतक के गांधरा गांव के रहने वाले 102 साल के दुलीचंद रोहतक में जब गाजे-बाजे के साथ बारात निकले तो हर कोई देखता रह (Unique protest To prove himself alive) गया. पहली बार में माजरा समझ नहीं आया लेकिन नाचते गाते बारातियों और दूल्हे की तरह रथ पर सवार हुए दुलीचंद के आस-पास लगे पोस्टर पूरी कहानी बयां (Procession for pension in rohtak) कर रहे थे.

खुद को जिंदा साबित करने के लिए निकाली बारात- दरअसल दुलीचंद को सरकारी रिकॉर्ड में मुर्दा बताकर पेंशन रोक ली (Old man Procession for pension)गई. 6 महीने से पेंशन नहीं मिली है, वजह जानने के लिए सरकारी बाबुओं के पास पहुंचे तो वजह जानकार हैरान रह गए. सरकारी रिकॉर्ड में दुलीचंद मर चुके थे, जिसके चलते उनकी पेंशन बंद कर दी गई थी. खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर एड़ियां घिस गईं लेकिन जिंदा दुलीचंद को मृत बताता सरकारी कागज उन्हें खाली हाथ वापस लौटा देता. दुलीचंद अपने परिवार के साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर थक गए. आखिर में परिवार आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और समाजसेवी नवीन जयहिंद के पास पहुंचे. जिसके बाद बैंड, बाजे के साथ दुलीचंद की बारात निकाली (Barat of 102 year old man) गई. जिसमें बकायदा बाराती भी शामिल (102 year old man took out procession) हुए.

रोहतक में दुलीचंद ने निकाली बारात

मैं जिंदा हूं के बैनर के साथ निकली बारात-दूल्हे की तरह सजे दुलीचंद बकायदा रथ पर सवार हुए. रथ से लेकर बारातियों के हाथ में कुछ ऐसे बैनर थे जिनपर दुलीचंद जिंदा है, मैं जिंदा हूं, थारा फूफा अभी जिंदा है, दुलीचंद अभी जिंदा है, लिखा हुआ था. इस बारात को निकालने का मकसद ये बताना था कि दुलीचंद जिंदा है, जबकि विभाग ने उन्हें मृत बताकर उनकी पेंशन रोक ली है. जब ये अनोखी बारात रोहतक की सड़कों से गुजरी तो हर कोई देखता रह गया.

गाड़ी पर बैठकर निकले दुलीचंद.

पूर्व मंत्री ने दिया आश्वासन- अपनी बारात लेकर 102 साल के दुलीचंद कैनाल रेस्ट हाउस पहुंचे. जहां पर हरियाणा के पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर मौजूद थे. बुजुर्ग की समस्या को देखते हुए मनीष ग्रोवर ने तत्काल अधिकारियों को फोन लगाया और दुलीचंद की समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया. मनीष ग्रोवर ने माना कि ये लापरवाही है और जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है उसे बख्शा नहीं जाएगा.

बैनर पर लिखा है, थार फूफा अभी जिंदा है.

प्रदेश में कई बुजुर्गों का यही है हाल- दुलीचंद के साथ पहुंचे नवीन जयहिंद ने कहा कि ये सिर्फ इकलौता मामला नहीं है प्रदेश में ऐसे कई बुजुर्ग हैं जो सरकारी बाबूओं की लापरवाही के कारण पेंशन से वंचित और परेशान हैं. नवीन जयहिंद ने कहा कि दुलीचंद जिंदा है और विभाग मानने को तैयार नहीं है. जो सरकारी विभागों में लापरवाही का आलम बताता है. उन्होंने दुलीचंद की पेंशन जल्द से जल्द बहाल ना करने पर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

बारात में बड़ी संख्या में लोग भी शामिल हुए.

खुद को जिंदा साबित करने के लिए बारात निकालने वाले दुलीचंद के मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विभाग के पास कुछ ऐसे दस्तावेज जमा करवाए गए हैं जिसमें उन्हें मृत दिखाया गया है. जिसकी वजह से उनकी पेंशन रोकी गई है और ऐसा परिवार के किसी सदस्य द्वारा ही किया गया होगा. विभाग के मुताबिक पेंशन को लेकर ये प्रक्रिया है जिसमें दस्तावेज जमा करवाने होते हैं. दुलीचंद के पुराने डॉक्यूमेंट में उन्हें जिंदा बताया गया था, जबकि नए डॉक्यूमेंट में उन्हें मृत बताया गया है. जिसकी वजह से ये कन्फ्यूजन हुई है. अधिकारियों ने जल्द से जल्द दुलीचंद की पेंशन बहाल करने का आश्वासन दिया है.

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