दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ये हैं दुनिया की 9 दमदार करेंसी, जिसके सामने अमेरिकी डॉलर भी है 'छोटू '

ग्लोबल मार्केट में डॉलर की हैसियत काफी बड़ी है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट (foreign exchange market) में अमेरिकी डॉलर की डिमांड बनी रहती है. मगर दुनिया की 9 ऐसी करेंसी है, जिसके सामने यूएस डॉलर भी बौना हो जाता है. मिडिल ईस्ट और यूरोप के कई देशों मे प्रचलित करेंसी अमेरिकी डॉलर पर भारी पड़ती है. जानिए ताकतवर विदेशी मुद्राओं के बारे में

10 Strongest Currencies
10 Strongest Currencies

By

Published : Apr 5, 2022, 1:59 PM IST

नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजार में पॉजिटिव ट्रेडिंग के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 75.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. सोमवार को विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की तुलना में रुपया 75.68 था. इंडियन करेंसी यानी भारतीय मुद्रा रुपया की मजबूती से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार आया है. 25 मार्च, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.03 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 617.648 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइज़ेशन लिस्ट के अनुसार दुनिया भर में कुल 185 करेंसी हैं मगर ग्लोबल ट्रेड में सबसे अधिक दखल अमेरिका के डॉलर की है. दुनिया भर के 85 फ़ीसदी इंटरनेशनल कारोबार में लेन-देन के लिए डॉलर का इस्तेमाल होता है. दुनिया भर के 39 फ़ीसदी क़र्ज़ यूएस डॉलर में दिए जाते हैं, इसलिए अमेरिकी डॉलर का वजन ज्यादा है. अगर मजबूत करेंसी की कीमत की बात करें तो अमेरिकी डॉलर दुनिया में 10वें स्थान पर है.

कुवैती दिनार

3.26 अमेरिकी डॉलर के बराबर है एक कुवैती दिनार :अमेरिकी डॉलर से ज्यादा वजनदार 9 करेंसी हैं. दुनिया में सबसे मजबूत करेंसी की बात करें तो नंबर वन पर है कुवैती दिनार. एक कुवैती दिनार खरीदने के लिए 3.26 अमेरिकी डॉलर देने होंगे. भारतीय मुद्रा से अगर तुलना हो तो एक कुवैती दिनार (KWD) 246 रुपये के बराबर है. कुवैती दिनार 1960 में जारी किया गया था. इराक और सऊदी अरब के बीच बसे देश कुवैत क्रूड ऑयल के ग्लोबल एक्सपोर्ट में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. तेल पर टिकी अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी समृद्ध है. इस कारण कुवैती दिवार की वैल्यू स्थिर रहती है. एक अमेरिकी डॉलर देने पर आपको सिर्फ 0.30 कुवैत दिनार मिलेगा.

बहरीन दिनार

2. बहरीन दिनार (BHD) भी है अमेरिकी डॉलर पर भारी :बहरीन मिडिल-ईस्ट का छोटा सा इस्लामिक देश है. तेल के मामले में यह देश भी धनी है, जिसके कारण यहां की करेंसी मजबूत है. दुनिया का सबसे मजबूत करेंसी में बहरीन की मुद्रा दिनार (BHD) दूसरे नंबर पर है. एक अमेरिकी डॉलर हैसियत इस करेंसी के सामने 0.38 है. अगर कोई बहरीन दिनार (BHD) लेना चाहता है, उसे 2.65 अमेरिकी डॉलर देने होंगे. एक बहरीनी दिनार 199.87 रुपये के बराबर है. मगर यह इंटरनैशनल करेंसी के तौर पर स्वीकृत नहीं है.

ओमानी रियाल

3. डॉलर के मुकाबले दमदार है ओमानी रियाल :ओमानी रियाल के आगे भी यूएस डॉलर कहीं नहीं ठहरता है. एक ओमानी रियाल की कीमत 2.60 अमेरिकी डॉलर है. भारतीय रुपये में इसका आकलन करें तो एक ओमानी रियाल की वैल्यू करीब 196 रुपये है. एक अमेरिकी डॉलर के लिए लगभग 0.38 ओमानी रियाल ही मिलेंगे.

जॉर्डेनियन दिनार

4. मजबूती में चौथे पायदान पर है जॉर्डेनियन दिनार :मजबूत करेंसी के मामले में दुनिया में जॉर्डन का दीनार (JOD) चौथे नंबर पर है. पहले जार्डन में फ़िलिस्तीनी पाउंड का प्रचलित था. 1950 में जॉर्डनियन दिनार या JOD जॉर्डन की राष्ट्रीय मुद्रा बनी. अमेरिकी डॉलर इस करेंसी के सामने कमजोर है. एक डॉलर की कीमत लगभग 0.71 जॉर्डन दिनार है. जार्डन की एक दिनार के लिए 1.41 USD खर्च करने पड़ते हैं.

पाउंड स्टर्लिंग

5. ग्रेट ब्रिटिश पाउंड यानी पाउंड स्टर्लिंग की है कारोबार में दखल :ग्रेट ब्रिटेन पाउंड या पाउंड स्टर्लिंग (GBP) दुनिया की 5वीं सबसे मूल्यवान करेंसी है. यह दुनिया की सबसे पुरानी करेंसी में एक है. जब अंग्रेजों का राज दुनिया के देशों पर था, तब यह पाउंड ही इंटरनेशनल कारोबार के लिए प्रचलित था. अमेरिकी डॉलर के प्रभाव बढ़ने के बाद भी यह ग्लोबल कारोबार में दखल रखता है. दुनिया भर की लेन-देन में यानी विदेशी मुद्रा बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 12.8% है. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 0.75 ग्रेट ब्रिटिश पाउंड ही है.

जिब्राल्टर पाउंड

6. जिब्राल्टर पाउंड (GIB) में भी डॉलर से ज्यादा दम :जिब्राल्टर पाउंड या जीआईपी जिब्राल्टर की राष्ट्रीय मुद्रा है और अंकित मूल्य पर ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग के साथ विनिमय योग्य है. ग्रेट ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले इसकी कीमत थोड़ा कम है. एक अमेरिकी डॉलर के बदले लगभग 0.81 जिब्राल्टर पाउंड मिलेंगे. यह अमेरिकी डॉलर से ज्यादा दमदार है. मगर यह ब्रिटिश पाउंड की तरह विदेशी मुद्रा भंडार में प्रचलित नहीं है.

केमैन आइलैंड्स डॉलर

7. केमैन आइलैंड्स डॉलर :दुनिया की 7वीं सबसे महंगी मुद्रा केमैन आइलैंड्स डॉलर (KYD) है, जो केमैन आइलैंड्स की राष्ट्रीय मुद्रा है. केमैन आइलैंड्स आज भी ब्रिटेन का स्वायत क्षेत्र है. टैक्स हेवन के तौर पर मशहूर केमैन आइलैंड्स पर विदेशी कंपनियां कारोबार के लिए आती हैं. इससे यहां विदेशी मुद्रा का भंडार बैलेंस रहता है. एक यूएस डॉलर लगभग 0.83 केमैन आइलैंड्स डॉलर के बराबर है. भारतीय रुपये से तुलना करें तो एक केमैन आइलैंड्स डॉलर के लिए करीब 90 रुपये देने पड़ेंगे.

यूरो

8. यूरो, (Euro) जो ग्लोबल ट्रेड में डॉलर को टक्कर देता है :अमेरिकी डॉलर के बाद यूरो ही एक ऐसी करेंसी है, जिसका चलन दुनिया में सबसे ज्यादा है. यूरो 19 देशों की आधिकारिक मुद्रा है. जर्मनी, फ्रांस और स्पेन जैसे देश इस करेंसी का उपयोग करते हैं. यूरो दुनिया के लिए कारोबारी मुद्रा के तौर पर भी पॉपुलर है. दुनिया भर में एक चौथाई कारोबार में यूरो से लेन-देन किया जाता है. यह यूएस डॉलर से मजबूत करेंसी है. एक अमेरिकी डॉलर के बदले लगभग 0.90 यूरो या 90 सेंट मिलेंगे. यह सबसे मजबूत करेंसी की लिस्ट में दुनिया में 8वें पायदान पर है.

स्विस फ्रैंक

9. स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) :स्विस फ़्रैंक (CHF) स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन दोनों की नेशनल करेंसी है. डॉलर Swiss Franc के मुकाबले मजबूती में थोड़ा कमजोर है. एक यूएस डॉलर बदले आपको लगभग 0.98 स्विस फ़्रैंक ही मिलेंगे. स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे स्थिर और धनी देशों में से एक है. कई यूरोपीय देशों में स्विस फ्रैंक से कारोबार होता है. इसके अलावा इस करेंसी के लिए स्विटजरलैंड ने कई नियम बनाए हैं, जो इसे मजबूत और स्थिर बनाता है. मसलन, स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) की नकदी रखने की लिमिट तय है. एक सीमा के बाद यह बैंकों में रखना होता है. दुनिया भर के लोग स्विस बैंकों में अपना पैसा जमा करते हैं. यह ग्लोबल भरोसा स्विस फ्रैंक को डॉलर से मजबूत बनाए रखता है.

10वें नंबर पर है अमेरिका का डॉलर

अमेरिकी डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों की करेंसी है. यह दुनिया की प्राइमरी रिजर्व करेंसी है. दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों में यूएस डॉलर की डिमांड बनी रहती है. ग्लोबल ट्रेड में रोजाना 88 फीसदी कारोबार डॉलर के जरिये होते हैं, इसलिए यह दुनिया की कई करेंसी की वैल्यू को भी प्रभावित करती है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट (foreign exchange market) में इसकी डिमांड सबसे अधिक है. डॉलर को ग्लोबल करेंसी का रुतबा हासिल है. कोई भी मुद्रा दुनिया भर में किस हद तक प्रचलित है यह उस देश की अर्थव्यवस्था और ताक़त पर निर्भर करता है. डॉलर इस मामले में अव्वल है. इस करेंसी ने ही अमेरिका को ताकतवर बना रखा है.

पढ़ें : एलन मस्क ने खरीदे ट्विटर के 9.2 फीसदी शेयर, 3 बिलियन डॉलर का किया निवेश

ABOUT THE AUTHOR

...view details