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SPECIAL: कोरोना वॉरियर्स के जज्बे को सलाम, लैब टेक्नीशियन जान खतरे में डालकर निभा रहे फर्ज

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Published : Jun 7, 2020, 3:55 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 8:22 PM IST

राजनांदगांव में जान जोखिम में डालकर लैब टेक्नीशियन अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.जीत जाएंगे हम के जज्बे के साथ ये लैब टेक्नीशियन क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों की कोरोना जांच करने में लगे हैं.

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जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे लैब टेक्नीशियन

राजनांदगांव/डोंगरगांव- ’जिंदगी हर कदम एक नई जंग है’ इस गाने के बोल कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी जान की बाजी लगाए लैब टेक्नीशियन के लिए सटीक साबित हो रही है. लैब टैक्नीशियन हर रोज उन खतरों से खेलते हैं जो वर्तमान में सबसे भयावह और खतरनाक है. इन खतरों के बीच भी लैब टेक्नीशियन बिना रुके और बिना थके अपनी सेवाएं दे रहे है, ताकि इस खतरनाक कोरोना वायरस के चक्रव्यूह से लोगों की जान बचा सके. इनका बस एक ही लक्ष्य और भरोसा है कि ’’जीत जाएंगे हम’’.

कोरोना वॉरियर्स के जज्बे को सलाम

खतरनाक दौर में ड्यूटी निभा रहे लैब टेक्नीशियन

वर्तमान परिस्थितियों और वायरस के संक्रमण के रोकथाम में लैब टेक्नीशियन्स का जज्बा और हौसला काबिले तारीफ है.एक ओर जहां दूसरे कोरोना वॉरियर्स इस भयंकर महामारी की रोकथाम और बचाव के लिए अभियान चला रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना वॉरियर्स के रूप में लैब टेक्नीशियन शरीर में वायरस का पता लगाने के लिए दिन-रात जूझ रहे हैं. इस दौरान वे तमाम चुनौतियों और खतरों के बीच अपने काम को अंजाम दे रहे हैं.

जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे लैब टेक्नीशियन

44 क्वॉरेंटाइन सेंटर में लेते है सैंपल

डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत 1 लैब टेक्नीशियन सुपरवाइजर हितेश काटले सहित घनश्याम साहू, जसवंत कोड़ापे, रोशन देवांगन, वीरेन्द्र गौतम, प्रभंजन सोनी, प्रभा द्विवेदी, यशोधरा साहू, रमेश साहू, उपेन्द्र साहू और सचिन झाड़े लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत हैं. वहीं डोंगरगांव ब्लाॅक में कुल 111 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जिनमें से 44 क्वॉरेंटाइन सेंटर में मरीज है. इन सेंटर्स में सैंपल लेने का काम इन लैब टेक्नीशियन का होता है.


इन चुनौतियों का करना पड़ता है सामना

कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच से लेकर रोकथाम और बचाव की मुख्य और प्राथमिक कड़ी हैं लैब टेक्नीशियन.अपने काम और परिस्थितियों के संबंध में चर्चा के दौरान LT के सुपरवाइजर हितेश ने बताया कि जिस तरह से निर्देश मिलते हैं उसके अनुसार तैयार होकर फील्ड में जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कर्तव्य के साथ-साथ मानवसेवा को परमधर्म मानते हुए सभी लैब टेक्नीशियन काम करते हैं. गाइडलाइंस के अनुसार सैंपल लिए जाते हैं, और टेस्ट के लिए भेजा जाता है. सैंपल लेने से पहले तमाम तैयारियां करनी पड़ती है, इस दौरान PPE किट (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट किट) को तय प्रोसेस से ही पहनना और उतारना पड़ता है नहीं तो संक्रमण का खतरा बना रहता है.


इनको किया जाता है चयनित

जिले के CMHO और नोडल अधिकारी की तरफ से दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जांच और सैंपल लेने गई लैब टेक्नीशियन की टीम उन लोगों का चयन करती है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हो या ऐसी महिलाओं को पहले क्रम में रखा जाता है जो गर्भवती हैं. वहीं क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों की हिस्ट्री लेकर भी सैंपल के लिए चयनित किया जाता है. सैंपल निकालने के दौरान लैब टेक्नीशियन को वायरस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होता है.


इन टेस्ट के लिए लेते हैं सैंपल

लैब टेक्नीशियन वायरस की पुष्टि के लिए वर्तमान में दो तरह के सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. जिसमें रैपिड टेस्ट जो प्राइमरी तौर पर किया जाता है. वहीं दूसरा टेस्ट RTPCR (रियल टाइम पाॅलीमरेज चैन रिएक्शन) के लिए नाक का स्वैब और मुंह के लार का सैंपल लिया जाता है.

Last Updated : Jun 7, 2020, 8:22 PM IST

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