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Ramesh Bais: अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे रमेश बैस

Responsibility shift from Jharkhand रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बनाए गए हैं. उन्हें झारखंड से हटाकर महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गई है. रमेश बैस छत्तीसगढ़ के रायपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से सात बार सांसद रह चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में रमेश बैस केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

Ramesh Bais new Maharashtra Governor
अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे रमेश बैस

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Published : Feb 12, 2023, 1:06 PM IST

रायपुर/हैदराबाद:देश के 13 राज्यों के राज्यपालों और उपराज्यपालों का बदल दिया गया है. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके को मणिपुर भेजा गया है. अब उनकी जगह विश्व भूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल होंगे. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए रमेश बैस को झारखंड से हटाकर महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. रमेश बैस छत्तीसगढ़ के रायपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से सात बार सांसद रह चुके हैं. 29 जुलाई 2019 को उन्होंने कप्तान सिंह सोलंकी की जगह त्रिपुरा के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी. फिर जुलाई 2021 में झारखंड के 10वें राज्यपाल बने थे.

विवादों में रहा था विस्फोट वाला बयान:रमेशबैस ने हेमंत सोरेन सरकार के झारखंड वित्त विधेयक 2022 को लौटा दिया था. हेमंत सोरेने के इलेक्शन से जुड़े मामले में उनके बयान पर काफी विवाद हुआ था. राज्यपाल ने दावा किया था कि "झारखंड में किसी भी समय एकाध परमाणु विस्फोट हो सकता है." उन्होंने मामले में लंबित अपने निर्णय को लेकर इशारा किया था.

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नगर निगम से शुरू किया था राजनीतिक सफर:रमेश बैस 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए और 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य भी थे. वे 1989 में रायपुर-मध्य प्रदेश से 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. वहीं 11वीं से लेकर 16वीं लोकसभा में लगातार 6 बार निर्वाचित हुए. उन्होंने भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया. वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी 2009 में रमेश बैस से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं.

दिग्गज नेताओं को दे चुके हैं पटखनी:रमेश बैस पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. उन्हें संसदीय कार्यों के लंबा अनुभव है. अपने राजनीतिक करिअर में रमेश बैस कभी चुनाव नहीं हारे. उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल और श्यामचरण शुक्ल जैसे नेताओं को हराया है. रमेश बैस लालकृष्ण आडवानी के करीबी माने जाते हैं. वे केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के भी काफी करीबी थे. सुषमा स्वराज से उनके पारिवारिक संबंध रहे. सुषमा रमेश बैस के अपना भाई मानती थीं.

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