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protest of Irregular Employees : अनियमित कर्मचारी संघ का प्रदर्शन, छह सूत्रीय मांग पूरी करने पर अड़े

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Published : Mar 14, 2023, 4:06 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 8:46 PM IST

protest of Irregular Employees Union in Raipur

छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव के पहले सरकार बनने के 10 दिनों के अंदर अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. सरकार के 4 साल बीत जाने के बाद भी यह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. मंगलवार को राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सैकड़ों अनियमित कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

सरकार के खिलाफ अनियमित कर्मचारियों का प्रदर्शन

रायपुर : छत्तीसगढ़ मेंअनियमित कर्मचारियों की संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार है. शासकीय विभाग, मंडल, आयोग, नगरीय निकाय, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, संविदा में कार्यरत कर्मचारी, प्लेसमेंट, ठेका, कलेक्टर दर और दैनिक वेतन भोगी के रूप में यह सभी काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि "मुख्यमंत्री ने 22 विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मंगा ली है. मुख्यमंत्री 24 विभाग से जानकारी मंगा रहे हैं. लेकिन सरकार साल 2019 से साल 2023 तक अनियमित कर्मचारियों की जानकारी नहीं जुटा पाई है. ''

4 साल बीत जाने पर भी नहीं हुई मांग पूरी : कर्मचारियों की मानें तो ''4 साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश के अधिकारी अब तक अनियमित कर्मचारियों के आंकड़े जुटा पाने में समर्थ नहीं हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि इन आंकड़ों में ऐसा कौन सा रॉकेट साइंस छिपा हुआ है. प्रदेश के अधिकारी क्या मंगल ग्रह से जानकारी एकत्र कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ लाख शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर दिया है. ऐसे में प्रदेश के 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारियों को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है."

अनियमित कर्मचारियों ने ही बनाई सरकार :छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता धर्मेंद्र दास वैष्णव का कहना है कि " छत्तीसगढ़ सरकार के बजट से अनियमित कर्मचारियों को काफी कुछ उम्मीदें थी, लेकिन यह उम्मीद भी पूरी नहीं हो सकी. अनियमित कर्मचारियों के बलबूते ही सरकार बनी है. ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि अपने जन घोषणापत्र में किए वादे को जल्द ही पूरा करें. प्रदेश के कई ऐसे अनियमित कर्मचारी जिनकी छंटनी की गई है, उन्हें बहाल किया जाए."



क्या है अनियमित कर्मचारियों की मांग : शासकीय विभाग और अधीनस्थ विभाग या कार्यालय में निगम, मंडलों में काम करने वाले अनियमित कर्मचारी जैसे संविदा, प्लेसमेंट, ठेका, कलेक्टर दर, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और श्रम आयुक्त दर पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल हों. छंटनी किए गए कर्मचारी जैसे साक्षर भारत, प्रेरक, स्वच्छ भारत मिशन, कंप्यूटर शिक्षक जैसे अन्य कर्मचारियों को तत्काल बहाल किया जाए.

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कलेक्टर दर पर न्यूनतम वेतन की मांग :दिवंगत पंचायत शिक्षक या नगरीय निकाय के आश्रितों के परिजनों को तकनीकी संविलियन मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए. अल्प मानदेय कर्मचारियों, रसोईया ग्राम पंचायत भृत्य, सफाई कर्मचारी, रोजगार सहायक, किसान मित्र और अन्य का मानदेय वृद्धि न्यूनतम कलेक्टर दर पर किया जाए. शासकीय विभाग, निगम, मंडल, आयोग और निकाय में प्लेसमेंट ठेका प्रथा को पूरी तरह से बंद किया जाए. प्रदेश के सभी अंशकालीन कर्मचारी को पूर्ण कालीन किया जाए.

Last Updated :Mar 14, 2023, 8:46 PM IST

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