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Nagpanchami 2022 : नागपंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाना परंपरा या पाप !

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Published : Aug 1, 2022, 5:00 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 5:13 PM IST

नागपंचमी ( Nagpanchami 2022) हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इस दिन नागों की पूजा का विधान है. नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की भी परंपरा है. क्या सांप वाकई दूध पीते हैं या दूध सांप के लिए जहर से कम नहीं है? आइए जानते हैं...

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नागपंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाना परंपरा या पाप

रायपुर :बिहार, ओडिशा, बंगाल और राजस्थान में श्रावण मास के कृष्ण पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया (Nag panchami 2022 Date) जाता है. जबकि देश के अन्य हिस्सों में श्रावण मास के शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी मनाई जाती है. नागपंचमी के अवसर पर सांप को दूध पिलाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.नागपंचमी (Naga Panchami) के पर्व पर सांपों को दूध प‍िलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही (Nagpanchami 2022 Date) है. लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि इस परंपरा के कारण नागपंचमी (नागपंचमी 2022) के द‍िन या फिर कुछ द‍िनों बाद क‍ितने सांपों की मौत होती है.

क्यों पिलाते हैं सांप को दूध ? :मान्यता के अनुसार एक बार एक श्राप के कारण नागलोक जलने लगा था. तब नागों पर दूध चढ़ाकर उनकी जलन को शांत किया गया था. जिस दिन यह घटना हुई थी, वह दिन श्रावण मास की पंचमी थी. तब से ही पंचमी तिथि पर नागों को गाय के दूध से नहलाने की प्रथा चली आ रही है.

कहां हुआ है नागों को दूध पिलाने का जिक्र : भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है. ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और घर में अन्न-धन का भंडार बना रहता है. नागपंचमी के दिन जो भी व्यक्ति नागों को दूध पिलाता है, उसके कुल को सांपों से भय नहीं रहता, नागदंश से उन्हें मुक्ति मिलती है और वासुकि, तक्षक, कालिय, मणिभद्र, ऐरावत, धृतराष्ट्र, ककोंटक तथा धनंजय जैसे नाग उनकी रक्षा करते हैं. नागपंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाने के साथ ही साथ धान का लावा चढ़ाने का भी रिवाज है.

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क्या है वैज्ञानिक मान्यता : साइंस की मानें तो सांप को दूध पिलाना उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है. सांप रेप्टाइल एनिमल की श्रेणी में आता है. रेप्टाइल एनिमल दूध हजम नहीं कर सकता है. दूध से सांप के आंत में इन्फेक्शन हो जाता है. कई बार दूध पीने से सांप की मृत्यु तक हो जाती है.

नाग पंचमी से महीने डेढ़ महीने पहले जंगल से सांपों को पकड़ा जाता है. उसके बाद इन्‍हें बहुत ही निर्ममता से भूखा-प्‍यासा रखा जाता है. कई बार तो सांप के दांत तक निकाल दिए जाते हैं. ताकि ये काट न सकें. एक महीने तक इस तरह से रहने के बाद सांप का शरीर सूख जाने के साथ ही उनकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. यही वजह है एक महीने तक भूखा-प्‍यासा रहने के बाद नागपंचमी वाले दिन सांप तेजी से दूध पी लेते हैं. यही दूध सांपों के लिए नुकसानदायक होता है.

विशेषज्ञ, डॉक्टर्स और खुद सपेरे भी मानते हैं कि सांप का शरीर इस प्रकार का नहीं होता है कि वह दूध पी सके. अगर सांप ने दूध पी लिया तो उसकी आंतों में इंफेक्शन हो जाता है और वह जल्द ही मर जाता है.

Last Updated : Aug 1, 2022, 5:13 PM IST

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