रायपुर :बिहार, ओडिशा, बंगाल और राजस्थान में श्रावण मास के कृष्ण पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया (Nag panchami 2022 Date) जाता है. जबकि देश के अन्य हिस्सों में श्रावण मास के शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी मनाई जाती है. नागपंचमी के अवसर पर सांप को दूध पिलाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.नागपंचमी (Naga Panchami) के पर्व पर सांपों को दूध पिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही (Nagpanchami 2022 Date) है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परंपरा के कारण नागपंचमी (नागपंचमी 2022) के दिन या फिर कुछ दिनों बाद कितने सांपों की मौत होती है.
क्यों पिलाते हैं सांप को दूध ? :मान्यता के अनुसार एक बार एक श्राप के कारण नागलोक जलने लगा था. तब नागों पर दूध चढ़ाकर उनकी जलन को शांत किया गया था. जिस दिन यह घटना हुई थी, वह दिन श्रावण मास की पंचमी थी. तब से ही पंचमी तिथि पर नागों को गाय के दूध से नहलाने की प्रथा चली आ रही है.
कहां हुआ है नागों को दूध पिलाने का जिक्र : भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है. ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और घर में अन्न-धन का भंडार बना रहता है. नागपंचमी के दिन जो भी व्यक्ति नागों को दूध पिलाता है, उसके कुल को सांपों से भय नहीं रहता, नागदंश से उन्हें मुक्ति मिलती है और वासुकि, तक्षक, कालिय, मणिभद्र, ऐरावत, धृतराष्ट्र, ककोंटक तथा धनंजय जैसे नाग उनकी रक्षा करते हैं. नागपंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाने के साथ ही साथ धान का लावा चढ़ाने का भी रिवाज है.