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सकरी में कचरा डंप करने का मामला, हाईकोर्ट ने निगम और सरकार से मांगा जवाब

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Published : Dec 16, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 11:51 PM IST

High court orders to state government and corporation

हाईकोर्ट ने सकरी कचरा डंप मामले में राज्य सरकार और निगम से जवाब मांगा है.

रायपुर: सोमवार को सकरी कचरा डंप मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति पीपी साहू की युगल बेंच ने निगम और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने निगम और सरकार से मांगा जवाब

मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि निगम पर्यावरण संरक्षण मंडल की बात माने. पानी और प्रदूषित हुआ तो निगम और राज्य को कंपनसेशन देना पड़ेगा. कोर्ट ने सवाल किया कि जब आसपास लोग रहते थे और वहां तलाब था तो कचरा डंप के लिए जमीन कैसे अलॉट हो गई?

कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि 'जब सकरी डंपिंग ग्राउंड के बीच में वाटर बॉडी थी और आसपास पहले से ही लोग रह रहे थे तो वहां जमीन कचरा निष्पादन के लिए नगर निगम को कैसे आवंटित कर दी गई'?

'देना होगा कंपनसेशन'

नगर निगम द्वारा सीधे कचरा डंप करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि 'निगम कोई भी कार्य नियम विरुद्ध न करे और पर्यावरण संरक्षण मंडल की बात माने. वहां का पानी और प्रदूषित न हो, नहीं तो निगम और राज्य सरकार दोनों को कंपनसेशन देना पड़ेगा'.

बता दें कि सकरी में रायपुर नगर निगम सूखा कचरा और गीला कचरा अलग किए बिना कचरा डंप कर रहा है.

विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश

गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल ने निगम को लिखित में कचरा डंप न करने के लिए पहले ही आदेशित कर दिया था, इसके बावजूद निगम सकरी में कचरा डंप कर रहा है. कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को आदेशित किया है कि मंडल अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे.

हाईकोर्ट में जनहित याचिका

प्रकरण की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी. सकरी सरपंच टीआर सिन्हा, पिरदा सरपंच विजय साहू और तुलसी सरपंच नेमीचंद ईश्वर और निवासी व्यास मुनि द्विवेदी ने निगम द्वारा सकरी में कचरा डाले जाने के विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

Intro:रायपुर - सकरी कचरा डंप मामला कोर्ट ने कहा कि निगम पर्यावरण संरक्षण की बात माने. पानी और प्रदूषित हुआ तो निगम और राज्य को कंपनसेशन देना पड़ेगा. कोर्ट ने पूछा जब आसपास लोग रहते थे और वहां तलाब था जमीन कैसे अलॉट हो गई? आज 16 दिसंबर सकरी कचरा डंप मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए माननीय मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति पीपी साहू की युगल बेंच ने राज्य को इस बात के लिए जवाब देने को कहा है Body:कि जब सकरी डंपिंग ग्राउंड के बीच में वाटर बॉडी थी और आसपास पहले से ही लोग रह रहे थे तो वहां जमीन कचरा निष्पादन के लिए नगर निगम को कैसे आवंटित कर दी गई? राज्य सरकार इसका जवाब दे. गौरतलब है कि कचरा डंपिंग ग्राउंड से कुछ मीटर दूरी पर हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी पहले से ही अस्तित्व में थी. Conclusion:नगर निगम द्वारा सीधा कचरा डंप करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि निगम कोई भी कार्य नियम विरुद्ध ना करें और पर्यावरण संरक्षण मंडल की बात माने । कोर्ट ने कहा कि वहां का पानी और प्रदूषित ना हो नहीं तो निगम और राज्य सरकार दोनों को कंपनसेशन देना पड़ेगा. गौरतलब है कि डंपिंग ग्राउंड के नीचे का पानी प्रदूषित हो चुका है और पूरी संभावना है कि पास वाली कॉलोनी का पानी भी जल्दी ही प्रदूषित हो जाएगा । सकरी में रायपुर नगर निगम द्वारा सूखा कचरा और गीला कचरा अलग अलग करे बिना कचरा डंप किया जा रहा है, निगम की तरफ से यह बताने पर कि वहां टेंपरेरी कचरा डंप किया जा रहा है कोर्ट ने कहा की किस नियम के तहत टेंपरेरी कचरा डंप किया जा रहा है? गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल ने निगम को लिखित में कचरा डंप न करने के लिए पहले ही आदेशित कर दिया था उसके बावजूद निगम सकरी में कचरा डंप कर रहा है. कोर्ट ने आदेशित किया कि निगम पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेशों का पालन करें । साथ ही पर्यावरण संरक्षण मंडल को आदेशित किया है मंडल अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें । प्रकरण की अगली सुनवाई जनवरी के द्वितीय सप्ताह में होगी । सकरी सरपंच टी आर सिन्हा, पिरदा सरपंच विजय साहू और तुलसी सरपंच नेमीचंद ईश्वर, एवं निवासी व्यास मुनि द्विवेदी ने निगम द्वारा सकरी में कचरा डाले जाने के विरोध में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.



बाइट ब्यास मुनि द्विवेदी, रहवासी कचरा डंप प्रभावित क्षेत्र एवं याचिकाकर्ता


रितेश कुमार तम्बोली ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated :Dec 16, 2019, 11:51 PM IST

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