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बघेल सरकार के चार साल: कांग्रेस ने गिनाई 48 उपलब्धियां, बीजेपी ने बताया फ्लॉप शो

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Published : Dec 16, 2022, 10:36 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 8:21 PM IST

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं. इन 4 सालों में कांग्रेस के द्वारा कई घोषणाओं को पूरा किए जाने का दावा किया गया है. baghel sarkar counts achievements of four years साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में 36 वादे किए थे. जिसमें से 34 वादे पूरे किए जाने का दावा पहले ही कांग्रेस कर चुकी है. Four years of Bhupesh Baghel government अब तो कांग्रेस सरकार का यहां तक दावा है कि 48 महीने में 48 उपलब्धियां राज्य सरकार की रही है. बीजेपी ने सभी को गलत करार देते हुए 20 नाकामियों का ठीकरा सरकार पर फोड़ा है. BJP target on Baghel government

Four years of Bhupesh Baghel government
छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार

बघेल सरकार के चार साल

रायपुर: छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार का दावा है कि उसने चार साल में 48 उपलब्धियां हासिल की है. सीएम बघेल भी इस दावे के बारे में कह रहे हैं. लेकिन बीजेपी ने इसे खारिज किया है.आइए जानते हैं कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने कौन से 36 वादे किए थे. इसमें से कौन से वह बातें हैं जो अधूरे रह गए हैं. इसके अलावा कांग्रेस सरकार का 4 साल कैसा रहा इस पर सत्ता पक्ष विपक्ष सहित राजनीति के जानकार का क्या कहना है.baghel sarkar counts achievements of four years

बघेल सरकार के चार साल पर सियासत



"कांग्रेस सरकार की 48 महीने में रही 48 उपलब्धियां": BJP target on Baghel government भाजपा का लगातार आरोप रहा है कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले जो अपने जन घोषणापत्र में 36 वादे किए थे. वह पूरे नहीं किए गए. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि "मीडिया में दिखाया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के 48 महीने में 48 उपलब्धियां रहीं. यह भाजपा को दिखाई नहीं दे रहा है. मैंने पहले भी बोला है कि जो राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत भाजपा के नेताओं को लाभ मिल रहा है या नहीं यदि लाभ मिल रहा है तो इस बात को कबूल क्यों नहीं कर रहे हैं."Four years of Bhupesh Baghel government


किसान और मजदूरों को नहीं मिली थी पहचान: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा " छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन हमारे अन्नदाता कर्ज में डूबे हुए थे. मजदूर लगातार पलायन कर रहे थे. छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी ना किसान को ना मजदूरों को ना महिलाओं को ऐसा कोई काम मिला जिससे उनका जीवन में कोई परिवर्तन आए".मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आपको याद होगा नंदकुमार पटेल ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी. वह परिवर्तन यात्रा सरकार के परिवर्तन की नहीं बल्कि लोगों के जीवन में परिवर्तन आए वह उसका उद्देश्य था. हमारे पूर्वज कहते थे छत्तीसगढ़ में खनिज संपदा की भरमार है. यहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य, जंगल सबका लाभ लोगों को मिलना चाहिए। लेकिन 18 साल तक लोगों को लगा ही नहीं कि छत्तीसगढ़ में उनकी कोई हिस्सेदारी है. केवल चावल वाला बाबा मिला जिसने नान खदान धान सभी घोटाला किया है"

हमारी सरकार ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का काम किया: सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि" हमारी सरकार 2018 में बनी. जिसके बाद से हमने लगातार प्रदेश के विकास के लिए काम किया है. प्रदेश में हमने किसानों से लेकर महिलाओं रोजगार सभी वर्गों के लिए काम किया. पूरी दुनिया को हमने छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता स्वाभिमान से परिचित कराया है. गोधन न्याय योजना , गोबर खरीदी , धान खरीदी सभी का लाभ हमारे किसान भाइयों को मिला है"

बीजेपी ने बघेल सरकार के चार साल को बताया फेल: कांग्रेस सरकार के 4 सालों को लेकर पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का कहना है कि "अपनी पीठ थपथपाने में पैसा नहीं लगता है.कांग्रेस किस बात का गौरव दिवस मना रही है, कर्जा लेने का गौरव दिवस, आरक्षण नहीं देने का गौरव दिवस, सुपेबेड़ा में मौत का गौरव दिवस, लोगों को रोजगार नहीं मिलने का गौरव दिवस आखिर किस बात का गौरव दिवस कांग्रेस सरकार मना रही है.

अजय चंद्राकर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि "यह सरकार क्या धान चोरी का गौरव दिवस, प्रधानमंत्री आवास योजना में डाका डालने का गौरव दिवस, कानून व्यवस्था खराब होने का गौरव दिवस, अवैध वसूली का गौरव दिवस , अवैध शराब का गौरव दिवस, रेत माफिया का गौरव दिवस, नशा माफिया का गौरव दिवस, ऐसी कौन सी चीज है जिसके लिए कांग्रेस सरकार गौरव दिवस बनाएगी. अजय चंद्रकार ने बघेल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में न एक वाट बिजली पैदा की गई है, 1 इंच सिंचाई बढ़ा है, लाखों विद्युत कनेक्शन ड्यू है. अल्पकालीन ऋण छोड़कर एक किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ, शराबबंदी नहीं हुई, बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है, किसानों को पेंशन नहीं मिली, वृद्धों को पेंशन नहीं मिली, तो किस बात का कांग्रेस सरकार गौरव दिवस मना रही है. अपनी पीठ थपथपा लेने से कुछ नहीं होगा."

36 में से 22 घोषणा नहीं हुई पूरी: इस पूरे मामले को लेकर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि "किसी भी पार्टी का जो चुनावी घोषणा पत्र है वह कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है कि जो घोषणा की जाए वह सभी की सभी लागू हो. इसलिए उसकी कोई गारंटी हो यह जरूरी नहीं है. लेकिन यह जरूर है कि जो भी पार्टी चुनाव के पहले अपने घोषणापत्र में वादा करती है वह सरकार बनने के बाद 5 साल में पूरा करें.अभी छत्तीसगढ़ की वर्तमान कांग्रेस सरकार की बात की जाए तो इस 4 साल में सरकार का डेढ़ साल कोरोना काल में निकल गया जो सरकार के लिए एक बहाना हो सकता है. कोविड के कारण जो समस्याएं हुई. उस वजह से घोषणापत्र के बहुत सारे वादे पूरे नहीं कर सके."

शंशाक शर्मा ने कहा कि" घोषणा पत्र में जो 36 वादे किए गए थे उसमें से लगभग 22 ऐसे वादे हैं जो पूरे नहीं किए गए हैं. यहां देखना होगा कि रोजगार सामाजिक क्षेत्रों में जो वादे किए जाते हैं उसे न तो जनता से ज्यादा सरोकार होता है ना ही विपक्ष का उससे कोई लेना-देना होता है. पहली से बारहवीं तक शिक्षा गारंटी कानून लागू करने की बात हुई तो लगता नहीं है कि उसे के लिए कोई प्रयास किया गया है. दिव्यांग जनों के लिए किए गए वादे पूरे नहीं किए गए हैं. यूनिवर्सल हेल्थ स्वास्थ्य योजना का नाम भले ही राज्य सरकार के द्वारा बदल कल लागू कर दिया लेकिन जो 5 लाख तक का स्वास्थ्य लाभ लोगों को मिलना था पर सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे वालों को मिल रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि 36 घंटों में से 22 ऐसे बिंदु है जिन्हें सरकार ने लागू नहीं किया है."

कई क्षेत्रों में सरकार का काम बाकी: शंशाक शर्मा ने कहा कि" सरकार की 48 उपलब्धियां हो सकती हैं, भले ही वह एक ही क्षेत्र की क्यों ना हो. कृषि क्षेत्र की बात की जाए तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना हो या फिर अन्य कोई योजना, इस क्षेत्र में 48 उपलब्धियां हासिल की गई जोगी. लेकिन सभी क्षेत्रों में मिलाकर बड़ी 48 उपलब्धियों की बात की जाए तो शिक्षा रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों में अभी भी काम करने की जरूरत है. सामाजिक क्षेत्र में जो काम किया जाना था उसमें बहुत सारे काम शेष हैं.हालांकि अभी सरकार के पास 1 साल बचा हुआ है. आगामी बजट में उन योजनाओं को शामिल करते हुए बचे हुए एक साल में बहुत काम किए जा सकते हैं."

यह रही 36 घोषणाएं

  1. किसानों का कर्जा माफ
  2. कृषि फ़सलों का न्यूनतम मूल्य पर खरीदी
  3. बिजली बिल आधा (हाफ) किया जाएगा
  4. घर घर रोजगार, हर घर रोजगार
  5. खाद्य सुरक्षा का अधिकार
  6. स्वास्थ्य का अधिकार
  7. शिक्षा का अधिकार
  8. ग्रामीण और शहरी आवास का अधिकार
  9. वनाधिकार कानून का पालन
  10. महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
  11. शासकीय कर्मचारियों को सम्मान
  12. पेंशन योजना
  13. महिला स्व-सहायता समूह का सशक्तिकरण एवं कर्ज़ माफी
  14. शराबबंदी
  15. मनरेगा का विस्तार
  16. भूमि-अधिग्रहण
  17. जल संशाधन नीति
  18. सिंचित क्षेत्र होगा दोगुना
  19. फूड पार्क
  20. कामधेनु सुरक्षा केंद्र
  21. लोकपाल
  22. नक्सल समस्या
  23. विशेष सुरक्षा कानून
  24. ग्राम सड़क योजना
  25. गजराज योजना
  26. वनोपज की उचित मूल्य पर खरीदी
  27. इंटरजेनरेशन इक्विटी
  28. पर्यटन को बढ़ावा -
  29. दिव्यांगों को सम्मान
  30. आउटसोर्सिंग की समाप्ति
  31. विद्यार्थियों को सुविधाएं
  32. चिटफंड कंपनी
  33. संपत्तिकर में राहत
  34. कचरा मुक्त शहर
  35. घर पहुँच सरकारी सेवा
  36. पुलिस कल्याण योजना

जन घोषणा पत्र के अधूरे वादे

  1. शराबबंदी
  2. लोकपाल

भाजपा ने गिनाई सरकार की ये 20 नाकामियां

  1. कर्जा लिया
  2. आरक्षण नहीं मिला
  3. सुपेबेड़ा में मौत
  4. लोगों को रोजगार नहीं मिला
  5. धान चोरी
  6. प्रधानमंत्री अन्य योजना में डाका
  7. कानून व्यवस्था खराब
  8. अवैध वसूली
  9. अवैध शराब
  10. रेत माफिया
  11. नशा माफिया
  12. एक वाट बिजली पैदा नहीं की
  13. एक इंच सिंचाई नहीं बढ़ा
  14. लाखों विद्युत कनेक्शन ड्यू
  15. एक किसान का कर्जा माफ नहीं, आपातकालीन छोड़ कर
  16. शराबबंदी नहीं हुई
  17. बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है
  18. किसानों को पेंशन नहीं मिली
  19. वृद्धों को पेंशन नहीं मिली
Last Updated : Dec 16, 2022, 8:21 PM IST

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