छत्तीसगढ़

chhattisgarh

सेवा समाप्ति को लेकर कोरोना योद्धाओं का प्रदर्शन जारी, अव्यवस्थाओं के बीच गुजार रहे हैं रात

By

Published : Oct 14, 2021, 7:57 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 11:01 PM IST

corona warriors

सेवा समाप्ति को लेकर कोरोना योद्धाओं ने पिछले 52 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अव्यवस्थाओं के बीच रात गुजारने को मजबूर है. शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

रायपुर:प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कोरोना योद्धा की सेवा समाप्त कर दी गई है. जिसको लेकर कोरोना योद्धा पिछले 52 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्होंने कोरोना काल में कोरोना वॉरियर्स ने जीतोड़ मेहनत करके कोरोना से संक्रमित हजारों मरीजों की जान बचाई है. लेकिन शासन-प्रशासन के द्वारा अब तक कोरोना योद्धाओं को किसी तरह की राहत या मदद नहीं मिल पाई है. जिसके कारण धरना स्थल पर अव्यवस्थाओं के बीच रात गुजारने के मजबूर हैं.

कोरोना योद्धाओं का प्रदर्शन जारी

कोरोना योद्धा सेवा समाप्ति के बाद से लगातार राजधानी में अपनी मांग को लेकर धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना योद्धा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिनके पास ना तो रहने के लिए घर है और ना ही कोई रिश्तेदार जिनके घर में जाकर कोरोना योद्धा रुक सके. ऐसे में कोरोना योद्धाओं ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल को ही अस्थाई तौर पर अपना घर बना लिया है. यहीं पर कोरोना योद्धा प्रदर्शन करने के साथ ही रहना खाना पीना और रात में सोने का काम कर रहे हैं. किसी मुसीबत से कम नहीं है. पिछले दिनों एक कोरोना योद्धा को सांप ने डंस लिया था. जिसका उपचार अस्पताल में कराया गया और उसे वापस घर भेजा गया.

इनकी समस्याओं को सुनने और देखने वाला कोई नहीं है. शासन प्रशासन के द्वारा स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले प्रदेश के कई कोरोना योद्धाओं की सेवा को समाप्त कर दिया गया है. सेवा समाप्ति को निरंतर जारी रखने की मांग को लेकर कोरोना योद्धा अब सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर है.

मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और अप्रैल 2021 के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी थी. उस दौरान स्वास्थ्य विभाग में कोरोना योद्धा के तौर पर नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य की जानकारी रखने वाले ट्रेंड बेरोजगारों को शासन प्रशासन के द्वारा अस्थाई तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए रखा गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अस्थाई रूप से सेवा में रखे गए. कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाल दिया गया. उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है. जिसको लेकर कोरोना योद्धा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं.

प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना योद्धा के रूप में प्रदेश में लगभग 5,000 लोगों को अस्थाई तौर पर नियुक्त किया गया था. जिसमें से लगभग 2,500 लोगों को सेवा से पृथक कर दिया गया. जिसमें डॉक्टर, माइक्रो बायोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ लैब, टेक्नीशियन, एएनएम, स्वास्थ्य संयोजक, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और सफाईकर्मी जैसे कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था. कोरोना की रफ्तार कम होने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने के बाद स्वास्थ्य विभाग में अस्थाई तौर पर रखे गए इन कर्मचारियों को सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया. जिसका विरोध पहले भी इन लोगों के द्वारा किया गया था और आज भी प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

Last Updated :Oct 14, 2021, 11:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details