रायपुर: कोरोना वैक्सीनेशन के एक साल पूरा होने पर राजधानी के भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बताया कि किस तरह पिछले एक साल में पूरे देश में वैक्सीनेशन का काम तेजी से चला और आज वैक्सीनेशन के मामले में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है.
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने की प्रेसवार्ता पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कोरोना से निपटने को जो कदम उठाए जाते थे, उसकी आलोचना होती रही. लेकिन चुनौतियों के बीच टीकाकरण में भारत अन्य देशों से आगे है. देश में 157 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. देश में 66 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. सिर्फ सितंबर माह में 24 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई, जो एक रिकॉर्ड है. 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. 3 करोड़ से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
कांग्रेस नेताओं ने कोरोना विस्फोट को दी हवा
मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि को-वैक्सीन को रोककर प्रदेश सरकार ने अपराध किया है. छत्तीसगढ़ में रोड सेफ्टी टूर्नामेंट का आयोजन कराकर दूसरी लहर को न्योता दिया गया. कांग्रेस के नेताओं ने कोरोना का सुपर स्प्रेडर बनने का काम किया है. यदि सरकार में थोड़ी भी शर्म है तो शेष का हिसाब सार्वजनिक करना चाहिए. हम विपक्ष में हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जिस तरह हमें लड़ना चाहिए, हम लड़े.
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चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश का होना चाहिए पालन
चुनाव के लिए जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उसका पालन सबको करना चाहिए. भाजपा पर मुख्यमंत्री के सवाल पर अजय चंद्राकर ने कहा कि चुनाव आयोग सभी प्रकार की वीडियोग्राफी करता है.
बघेल सरकार के पास केंद्र की योजनाओं में देने के लिए भी पैसा नहीं
चंद्राकर ने आगे कहा कि रविंद्र चौबे जी की बात में अब कोई विश्वसनीयता नहीं है. कांग्रेस का चेहरा धीरे-धीरे सामने आ रहा है. पहले उन्होंने हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाई थी. या वो दारू चाटे होंगे, वह जानें क्या किए थे. अब वह बोल रहे हैं कि उन्होंने बेरोजगारी भत्ते की बात नहीं की. जो-जो उन्होंने वादे किये, अब वह धीरे-धीरे उससे मुकरते जाएंगे. मैं 3 महीने से कह रहा हूं कि कांग्रेस मुझसे आए और बहस करे. बताए कि कांग्रेस ने अपने किन वादों को पूरा किया है. मैं बताऊंगा कि किन वादों को पूरा किया या नहीं किया है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से पूछ कर यहां का घोषणा पत्र नहीं बनाया था. भारत सरकार अपना काम बखूबी कर रही है. छत्तीसगढ़ में भारत सरकार की योजनाओं का 40 फीसद देने के लिए पैसे भी नहीं है. इनके पास सारी सेंट्रल योजनाएं बंद हो रही हैं.
सरकार के नजर में रोजगार का क्या है अर्थ
पहले सरकार को यहां पर रोजगार को परिभाषित करना चाहिए. सरकार तो मनरेगा में मजदूरी को भी रोजगार कहती है. लोग पिछले 20 साल से यहां काम कर रहे हैं. स्वरोजगार में अगर किसी ने पकोड़े तलने की बात कह दी तो यह मजाक उड़ाते थे. छत्तीसगढ़ में रोजगार मिशन का कोई अर्थ नहीं है. इतने सारे पद खाली हैं. सामान्य प्रशासन विभाग में उसको भर्ती करें. 15885 शिक्षक के खाली पदों पर पिछले 3 सालों में शायद 8000 लोगों की भर्ती हुई है. पहले उसी में सब को भर्ती कर दें तो मैं मान जाऊंगा कि रोजगार सरकार दे रही है. पहले रोजगार को छत्तीसगढ़ सरकार परिभाषित करे कि क्या है रोजगार... उसके बाद उनसे बात हम करेंगे.