रायपुर : छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर सियासत तेज हो चली है. मंगलवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने सीएम बघेल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि " धान खरीदी का सारा पैसा केंद्र का है. यह लोग मुफ्त का चंदन घिस रहे है इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा " कौन सा पैसा केंद्र का है बताएं सांसद को. कोयला रॉयल्टी का पैसा बचा है वह हमें दे दें , सेंट्रल एक्साइज का जीएसटी का पैसा हमें दिला दे. वह दिलाते नहीं. ट्रेन बंद करवा दिए. उस समय वह कुछ बोलते नहीं. सारी ट्रेन रद्द कर दिया लेकिन अरुण साव ने नहीं बोला. जो पैसा सभी राज्यो को मिलता है वह हमें मिला है.''
धान खरीदी एक बड़ा अचीवमेंट :धान खरीदी का रिकॉर्ड इस बार टूटा है इसको आप कितना बड़ा अचीवमेंट मानते हैं,इस पर बघेल ने कहा " हमारी सरकार बनने के बाद किसानों के लिए जो हम लोगों ने किया जो लोग खेती से विमुख हो गए थे वह फिर से लौटे. भाजपा के शासनकाल में 15 लाख थे. आज 22 से 24 लाख किसान धान बेच रहे हैं. 4 साल में 8- 9 लाख किसानों का बढ़ना एक अचीवमेंट है. पहले 60 लाख टन धान खरीदते थे . इस बार 98 लाख टन धान पार हो गया. भाजपा के लोग कहते थे आय दोगुनी करेंगे. उन्होंने खर्चा दोगुना कर दिया. हम लोगों ने सच में आय दोगुना कर दिया."
निजीकरण का आदिवासी कर रहे विरोध :लगातार आप निजीकरण का विरोध कर रहे हैं अगर केंद्र नहीं मानती है तो आपका आगे का कदम क्या रहेगा. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा " हम बस्तर की जनता के साथ है , बस्तर की जनता नहीं चाहती कि निजीकरण हो. इसलिए उनके भावना को ध्यान में रखते हुए हमने विधानसभा में एक शासकीय संकल्प लाए थे कि नगरनार को राज्य सरकार को दे दे. उसका निजीकरण नहीं किया जाए. लेकिन विपक्ष ने कहा अगर शासन खरीद ले तो हमने उसको भी जोड़ दिया था. तो उन्होंने समर्थन किया था. भाजपा विधानसभा में समर्थन तो करती है लेकिन बाद में उल्टा काम करते हैं. चाहे आरक्षण वाला मामला हो या नगरनार वाला मामला.''