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CM भूपेश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नाबार्ड के अध्यक्ष से की चर्चा

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Published : Jul 11, 2020, 1:26 AM IST

Updated : Jul 11, 2020, 12:22 PM IST

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय में नाबार्ड (NABARD) के अध्यक्ष के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. बैठक में सीएम के साथ कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी मौजूद थे.

CM Bhupesh meeting with Chairman of NABARD
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक

रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष जीआर चिंताला के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. सीएम ने छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों, अधोसंरचनाओं के विकास के बारे में चर्चा की.

सीएम को भेंट देते नाबार्ड के सदस्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड (NABARD) के सहयोग से छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में विकास के काम हुए हैं. जो मील का पत्थर साबित हुए हैं. नाबार्ड के जरिए प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी बहुत से काम हुए हैं. अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. सीएम भूपेश बघेल ने नाबार्ड (NABARD) के अध्यक्ष चिंताला सहित अधिकारियों-कर्मचारियों को नाबार्ड के स्थापना दिवस की बधाई दी. बता दें कि 12 जुलाई 1982 को नाबार्ड की स्थापना हुई थी.

पुस्तक का विमोचन

कृषि मंत्री ने मांगा सहयोग

बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बस्तर अंचल की बहुउद्देशीय बोधघाट सिंचाई परियोजना और बस्तर अंचल के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नाबार्ड से सहयोग मांगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधघाट सिंचाई परियोजना बस्तर के लिए जीवनदायिनी साबित होगी. करीब 22 हजार करोड़ रूपए की इस परियोजना के जरिए पूरे बस्तर अंचल में सिंचाई की सुविधा के साथ पेयजल और निस्तार के लिए पानी उपलब्ध होगा. वर्तमान में बस्तर क्षेत्र में सिंचाई का प्रतिशत 0 से 5 तक है. इस परियोजना के जरिए पूरा बस्तर सिंचित होगा. जिससे वहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा.

सीएम को भेंट

मुख्यधारा से जोड़ने में मिलेगी मदद

सीएम ने कहा कि कई नैसर्गिक विशेषताओं वाले बस्तर में नक्सल समस्या एक बड़ी चुनौती है. परियोजना के शुरू होने से बस्तर के युवाओं को रोजगार देकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी. सीएम ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इस योजना के लिए नाबार्ड से सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए लघु वनोपजों और वनौषधियों के प्रसंस्करण के लिए छोटे-छोटे प्लांट लगाने की राज्य सरकार ने योजना तैयार की है. इससे समूह की महिलाओं को रोजगार और आय का अच्छा साधन मिलेगा. मुख्यमंत्री भूपेश ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कृषि और उद्यानिकी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना के लिए भी सहयोग मांगा.

Last Updated :Jul 11, 2020, 12:22 PM IST

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