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रायपुर में अनियमित कर्मचारियों ने घुटने टेक कर क्यों किया प्रदर्शन ?

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Published : Mar 8, 2022, 7:43 PM IST

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. कर्मचारियों ने घुटने टेक कर विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की.

irregular employee performance
अनियमित कर्मचारियों का प्रदर्शन

रायपुर:छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने 5 सूत्रीय मांग को लेकर घुटने टेक कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद अनियमित कर्मचारियों ने घुटने टेक कर विधानसभा का घेराव किया. पुलिस ने सप्रे स्कूल के पास प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. अनियमित कर्मचारियों का कहना है कि, कांग्रेस सरकार को बने हुए 3 साल पूरे हो चुके हैं. सरकार ने अपने घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन सरकार ने किया वादा नहीं निभाया. कर्मचारियों का कहना है कि वह, सरकार की वादाखिलाफी से तंग आकर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए है. वहीं, अनियमित कर्मचारियों के इस प्रदर्शन का समर्थन करने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी धरना स्थल पहुंचे थे.

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ का प्रदर्शन

राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले हजारों अनियमित कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. अपनी 5 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सरकार बनते ही अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार की वादाखिलाफी की वजह से वह प्रदर्शन को मजबूर हुए हैं.

ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ में प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी जैसे संविदा दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर पर काम करने वाले कर्मचारी, प्लेसमेंट के तहत काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं. ये सभी अपनी मांगों को लेकर इसके पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन उनकी मांगें आज तक पूरी नहीं हुई है.

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अनियमित कर्मचारियों की 5 सूत्रीय मांगें

  • समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारियों को नियमित किया जाए, नियमितीकरण के बाद उन्हें 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए आवश्यकता होने पर सिविल सेवा नियम 1965 के तहत निलंबन करने का प्रावधान हो.
  • पिछले चार-पांच सालों में निकाले गए और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जाए.
  • शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जाए.
  • अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्ण कालीन किया जाए.
  • 15 अनियमित कर्मचारियों पर गोल बाजार और आजाद चौक थाना में अपराध दर्ज होने के बाद न्यायालय में चल रहे हैं केस को वापस लिए जाएं

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