कोरबा: भारत मौसम विभाग ने लखनपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना की है. कोरबा के साथ ही छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में इसकी स्थापना की गई है. अब तक जिले में मौसम का पूर्वानुमान मैनुअल पद्धति से किया जाता रहा है. जिसकी गणना करने में अधिक समय लगने के साथ ही सटीक पूर्वानुमान लगाने में मौसम वैज्ञानिकों को दिक्कत होती थी. ऑटोमेटिक स्टेशन स्थापित होने के साथ ही अब यहां से प्रत्येक 15 मिनट में एक ईमेल भारत मौसम विभाग को ऑटोमेटिक प्रेषित होगा. जिससे जिला स्तर पर मौसम के सटीक पूर्वानुमान की व्यवस्था होगी. किसानों को भी इससे कई तरह के लाभ होंगे.
इस तरह के जानकारी मिलेगी
कृषि विज्ञान केंद्र में भारत मौसम विभाग में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की स्थापना ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के अंतर्गत की गई है. सप्ताह में 2 दिन कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों के लिए विस्तृत जानकारी जारी की जाती है. जिसमें कृषि कार्य में सहायता के लिए मौसम का पूर्वानुमान होता है. ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगने के बाद यहां से वर्षा की मात्रा, तापमान, मृदा का तापमान, आद्रता, हवा की गति और हवा की दिशा का पूर्वानुमान मिलेगा. स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के साथ ही आंकड़े जिले से सीधे भारत मौसम विभाग को भी ऑटोमेटिक प्रेषित किया जाना संभव होगा.
हवा की गति की जानकारी से मुआवजा प्रकरण में सहायता
मौसम वैज्ञानिक संजय भेलावे ने बताया कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन के जरिए अब हर 15 मिनट में हवा की गति और दिशा की भी जानकारी मिलेगी. अब तक किसानों को फसल नुकसान से संबंधित मुआवजा प्रकरण तैयार करने के लिए इस तरह की जानकारी की जरूरत पड़ती है. मैनुअल पद्ति होने के कारण हम 24 घंटे में एक बार हवा की गति का औसत मान की गणना करते हैं. जिससे कई बार मुआवजा में परेशानी होती है. ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना के बाद हर 15 मिनट में हवा की गति की जानकारी हमारे पास मौजूद होगी. इसलिए मुआवजा प्रकरण तैयार करते समय हवा की गति की सटीक जानकारी हम किसानों को प्रदान कर सकेंगे. किसानों को मुआवजा प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी.
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