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Hot Mix Plant से बस्तर की हवा हो रही जहरीली, ग्रामीणों पर मंडरा रहा गंभीर बीमारियों का खतरा

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Published : Jul 10, 2021, 10:12 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 4:30 PM IST

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जहरीला धुआं ()

डामर तैयार करने के लिए हॉट मिक्स प्लांट से पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है. इससे अब ग्रामीण भी अछूते नहीं हैं. नियमों को ताक पर रखते हुए ग्रामीण इलाकों में हॉट मिक्स प्लांट संचालित हो रहे हैं. जिससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर कई बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. वहीं पर्यावरण विभाग के अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.

कोण्डागांव: अधोसंरचना विकास के लिए सड़कों का जाल बस्तर में फैलाया जा रहा है. कोंडागांव में भी इन दिनों सड़कों के निर्माण में तेजी आई है. एक तरफ रोड के निर्माण से जहां कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला डामर प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. इसकी वजह है हॉट मिक्स प्लांट. इन प्लांटों के जरिए ही डामर की आपूर्ति होती है. जिससे सड़कों का निर्माण किया जाता है. लेकिन डामर तैयार करने के लिए स्थापित होने वाले हॉट मिक्स प्लांट से पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है. कोंडागांव में नियमों को ताक पर रखते हुए ग्रामीण इलाकों में हॉट मिक्स प्लांट संचालित हो रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों की स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है.

Hot Mix Plant से बीमारियों का खतरा

कोंडागांव में कुल 6 हॉट मिक्स संयत्र संचालित हो रहे हैं. इसमें तो कई प्लांट नियमों की अनदेखी कर रिहायशी इलाकों में सांचलित किए जा रहे हैं. इस बात का पता न तो पर्यावरण संरक्षण मंडल को है और न ही पर्यावरण विभाग के अधिकारी इस ओर कार्रवाई कर रहे हैं.

  • केजीएन, हॉट मिक्स प्लांट, कोहकामेटा, केशकाल, कोण्डागांव
  • चन्देल हॉट मिक्स प्लांट, डीएन के, कनेरा रोड,कोण्डागांव
  • उत्तम कुमार जैन, हॉट मिक्स प्लांट, चिखलपुटी, कोण्डागांव
  • सुशील कुमार शर्मा, हॉटमिक्स प्लांट, बनियागांव, कोण्डागांव
  • मां दन्तेश्वरी कन्स, हॉट मिक्स प्लांट, दहीकोंगा, कोण्डागांव
  • फिरोज कंस्ट्रक्शन हॉट मिक्स प्लांट, आवराभाटा, कोण्डागांव
    जहरीला धुआं

नियमों के मुताबिक कहां लगाए जाने चाहिए हॉट मिक्स प्लांट ?

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हॉट मिक्स प्लांट की स्थापना के लिए सबसे पहले स्थल चयन की जरूरत होती है.

जहरीला धुआं
  • ऐसे प्लांट की स्थापना नगरीय निकाय सीमा या शहर के क्षेत्र में नहीं किया जा सकता है. इन संयंत्रों की स्थापना नगरीय निकाय सीमा या शहरी क्षेत्र से 2 किलोमीटर दूर होनी चहिए.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में 500 मीटर के रिहायशी इलाकों में ऐसे संयत्र को स्थापित नहीं किया जाना चाहिए.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग से भी हॉट मिक्स प्लांट की दूरी 500 मीटर से दूर होनी चाहिए, जबकि राजमार्गों से इसकी दूरी 200 मीटर होनी चाहिए
  • हॉट मिक्स प्लांट की स्थापना राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव अभ्यारण्यों, आरक्षित वन, राष्ट्रीय स्मारकों और हवाई अड्डों से कम से कम 5 किलोमीटर की दूरी पर होनी चाहिए.
  • अस्पताल और पर्यटन स्थल के आस पास इसे नहीं स्थापित किया जाना चाहिए.
  • हॉट मिक्स प्लांट शैक्षणिक स्थल से 500 मीटर दूर होनी चाहिए.
  • दो अलग-अलग हॉट मिक्स प्लांट के बीच की दूरी में 250 मीटर का अंतराल होना चाहिए

हॉट मिक्स प्लांट के लिए क्या व्यवस्थाएं होनी चाहिए

  • भूतल से 2 मीटर की ऊंचाई पर यह प्लांट स्थापित होने चाहिए. ब्लू गैसों के उत्सर्जन को लेकर नियम तय होने चाहिए.
  • आधुनिकतम तकनीक के आधार पर ऐसे प्लांट को स्थापित किया जाना चाहिए. जिसमें एयर प्लसर जेट क्लीनिंग सिस्टम, ड्राई डस्ट कलेक्टर आधारित मल्टीपल वेट स्क्रबर की व्यवस्था होनी चाहिए . ऐसे मशीन लगाए जाने चाहिए जिससे कम धुआं निकले.
  • इस प्लांट के आस पर सदाबहार घने पत्ते वाले पेड़ लगाए जाने चाहिए. आस-पास हरियाली को विकसित किया जाए.
  • हॉट मिक्स संयंत्र में डीजल या एलडीओ के अलावा किसी भी ईंधन का उपयोग नहीं होना चाहिए.

उपरोक्त 12 बिंदुओं का पालन करते हुए हॉट मिक्स प्लांट की स्थापना करनी चाहिए. इन नियमों का पालन हो रहा है या नहीं यह देखने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की है. साथ ही स्थानीय स्तर पर खनिज विभाग और जिला कलेक्टर भी इन बिंदुओं के पालन को चेक कर सकते हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो इन प्लांटों पर कार्रवाई की जा सकती है.

नियमों को ताक पर रख कर स्थापित है कई हॉट मिक्स प्लांट?

आंवराभाटा केशकाल में लगाया गया हॉट मिक्स संयंत्र NH30 से और संरक्षित वन क्षेत्र से सटाकर लगाया गया है. इसी तरह डी एन के बड़े कनेरा रोड में लगाया गया संयंत्र बस्ती और ऑक्सीजोन के पास है. वहीं जैतपुरी में टोल टैक्स नाका के पास NH30 के नजदीक यह प्लांट लगाया है. इतना ही नहीं गिरोला की बस्ती के बगल में और नदी से सटाकर संयंत्र लगाया गया है. बम्हनी में तो नदी के किनारे और चारों ओर से घिरे बस्ती के बीच मे ही संयंत्र को लगा दिया गया है. जो नियमों की अनदेखी को साफ तौर पर दिखाता है.

जब ईटीवी भारत ने पर्यावरण विभाग के अधिकारी को बताया कि नियमों के विरुद्ध कोंडागांव में हॉट मिक्स प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही. उनका कहना था कि आपके माध्यम से इस बारे में पता चला है. हम जल्द ही इस पर कार्रवाई करेंगे.

कितना जानलेवा है हॉट मिक्स प्लांट ?

पर्यावरण विदों के अनुसार बिटुमिन हीटिंग टैंक, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डायऑक्साइड, सल्फर डायऑक्साइड, हाईड्रोजन सल्फेट, फेनोल ओजोन, हाइड्रोकार्बन, पॉली न्यूक्लियर कम्पाउंड्स, निकेल, शीशा जैसे उत्सजर्क पदार्थों से भरा होता है. इन विषाक्त गैसों से मनुष्य के फेफड़े, किडनी, नर्वस सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है. पॉली न्यूक्लियर कम्पाउंड मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे नुकसानदेह है. इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है.

चूंकि मानसून के लगते ही सड़कों के निर्माण कार्य बंद कर दिया जाते हैं जिससे हॉट मिक्स संयंत्रों का संचालन भी रोक दिया जाता है ऐसे में जब वापस यह संयंत्र मानसून के बाद संचालित होंगे तो इसमें छत्तीसगढ़ संरक्षण पर्यावरण मंडल क्षेत्रीय कार्यालय जगदलपुर बस्तर द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जाएगी यह देखने वाली बात होगी?

Last Updated :Jul 11, 2021, 4:30 PM IST

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