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जगदलपुर निगम में डंपिग यार्ड को लेकर सियासत, सवालों के घेरे में महापौर

जगदलपुर में कचरा निष्पादन को लेकर राजनीति गर्मा गई है. ईटीवी भारत ने शहर में कचरा निष्पादन को लेकर एक खबर दिखाई थी.जिसके बाद निगम में विपक्ष सक्रिय हो गया है. विपक्ष ने महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. Politics regarding dumping yard in Jagdalpur Corporation

जगदलपुर निगम में डंपिग यार्ड को लेकर सियासत
जगदलपुर निगम में डंपिग यार्ड को लेकर सियासत

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Published : Nov 21, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर :डंपिंग यार्ड को लेकर जगदलपुर नगर निगम की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में है. निगम नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने महापौर सफिरा साहू पर यार्ड को लेकर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है. वहीं महापौर के दो अलग अलग बयान ने दाल में कुछ काल होने की ओर इशारा भी कर दिया है. Etv भारत ने शहर के महाराणा प्रताप वार्ड में कचरा डंप की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई थी. जिसके बाद विपक्ष काफी सक्रिय नजर आ रहा है. अब आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने की तैयारी युवा मोर्चा कर रहा है. ( Politics regarding dumping yard in Jagdalpur Corporation)

दो साल से रुका है टेंडर :निगम नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय (Corporation Leader of Opposition Sanjay Pandey ) का कहना है कि बीते दो वर्षों से डंपिंग यार्ड का टेंडर रुक हुआ है. जो भी ठेकेदार उसे लेने आता है. उस पर कमीशन को लेकर निगम महापौर सफिरा साहू का दबाव ऐसा होता है. कि वो ठेकेदार काम छोड़ कर ही भाग जाता है. जबकि शहर का पूरा कचरा पल्ली मार्ग पर डंप किया जाता है. जहां आग भी लगाया जाता है. जिससे पर्यावरण दूषित होने के साथ ही आस पास के लोगों को कचरे की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होने लगी है. ऐसे में शहर में व्याप्त कचरा डंपिंग यार्ड में जाने से आसपास के लोगों की समस्याएं और गहराती जा रही है. लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से डंपिंग यार्ड जस का तस है.


महापौर का अलग बयान :जगदलपुर नगर निगम महापौर सफिरा साहू (Municipal Corporation Mayor Safira Sahu) ने डंपिंग यार्ड को लेकर दो अलग-अलग बात कह रही है. एक ओर उनका कहना है कि जल्द ही यार्ड दूसरे जगह बनाया जाएगा. जिसके लिए जमीन भी देखी जा रही है. दूसरी ओर उनका कहना है कि पुराने ठेकेदार ने समय पर काम पूरा नही किया. इसलिए उस ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर हटा दिया है.

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क्या है सवाल :लेकिन इस पूरे मामले में सवाल ये उठता है कि यदि डंपिंग यार्ड का काम शुरू हुआ और पुराने ठेकेदार ने काम समय पर पूरा नही किया. तो उस जमीन का क्या हुआ .वहीं निगम को दूसरी जमीन की तलाश क्यो करनी पड़ रही है. महापौर ने हड़बड़ा कर जवाब तो दे दिया लेकिन अब इस जवाब ने भाजपा के आरोपों को कही न कही हवा दे दी है. ऐसे में भ्रष्टाचार का आरोप सही है या नही ये तो जांच का विषय है. लेकिन निगम की लापरवाही से जनता को जरूर परेशान होना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

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