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Bilaspur latest news: CIMS के जूनियर डॉक्टर बैठे हड़ताल पर, स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

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Published : Jan 19, 2023, 5:02 PM IST

छत्तीसगढ़ में चुनावी साल शुरू होते ही हड़तालों का दौर शुरू हो गया है. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के बाद अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रहे जूनियर डॉक्टर भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. गुरुवार से शुरू हुए हड़ताल में प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों सहित मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर बैठ गए हैं. 48 घंटे की हड़ताल के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं.

cims junior doctors on strike in bilaspur
बिलासपुर में CIMS के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

बिलासपुर में CIMS के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

बिलासपुर:प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के बाद अब प्रदेश के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए हैं. गुरुवार को बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरु कर दी हैं. जूनियर डॉक्टरों काहड़ताल अगले 48 घंटे तक चलेगा.

स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग:जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि "विगत 4 साल से स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं किए जाने की वजह से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. इंटर्न, पीजी और जूनियर डॉक्टर 48 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर है." गुरुवार को इन्होंने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्य का बहिष्कार किया. प्रदेश के करीब 3 हजार जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और पीजी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान इमरजेंसी सुविधाओं में सभी अपनी सेवाएं जारील रखेंगे.

अभी जूनियर डॉक्टर की ये है स्टाइपेंड:जूनियर डॉक्टर डॉ चंचल लहरी ने बताया कि "अन्य राज्यों की तुलना में उन्हें सबसे कम मानदेय दिया जा रहा है. जिसमें पिछले 4 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. अगर 48 घंटे में उनकी मांग पूरी ना हुई, तो प्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और पीजी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और ओपीडी का बहिष्कार किया जाएगा. हालांकि इस दौरान मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगे."

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अन्य राज्यों के समान हो स्टाइपेंड:जूनियर डॉक्टर डॉ विश्वास कुमार ने बताया कि "वर्तमान में इन्टर्नस को 12 हजार 600 रुपए, पीजी फर्स्ट ईयर को 53 हजार 500 पीजी सेकंड ईयर को 56,700 पीजी थर्ड ईयर को 59,220 और पोस्ट पीजी बांड के तौर पर 55,000 दिए जा रहे हैं. जिसमें पिछले 4 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. यह अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है. हम इसमें बढ़ोतरी की मांग की कर रहे हैं. हम स्टाइपेंड को अन्य राज्यों के समान किए जाने की मांग कर रहे हैं."

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