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Sand Mafia In Baloda bazar : सरकारी आदेश को खनन माफिया दिखा रहे ठेंगा, रोक के बावजूद रेत का अवैध खनन

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Published : Jun 20, 2023, 7:36 PM IST

सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाने का उदाहरण आपको देखना है तो बलौदाबाजार भाटापारा जिले में आ जाइए.क्योंकि 15 जून से रेत घाट बंद करने के निर्देशों का बलौदाबाजार जिले में खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. रेत घाट बंद होने पर भी बेखौफ खनन माफिया धड़ल्ले से नदी का सीना छलनी करके रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

Sand mafia flouting rules in Balodabazar
सरकारी आदेश को खनन माफिया दिखा रहे ठेंगा

बलौदाबाजार : प्रदेश में हर साल 15 जून के बाद रेत खनन पूरी तरह बंद करने के निर्देश शासन जारी करता है. इसके बाद से प्रदेश में रेत खनन का काम बंद हो जाता है. लेकिन बलौदा बाजार जिले में अलग ही कानून चल रहा है. यहां पर रेत माफिया बेखौफ होकर हर दिन शासन को 50 लाख से अधिक के राजस्व का चूना लगा रहे हैं. यहां दिन रात रेत का अवैध परिवहन और उत्खनन किया जा रहा है. इस मामले में कार्रवाई न होना समझ से परे है.



रेत का अवैध उत्खनन :जिले में 20 से 25 रेत घाट स्वीकृत हैं. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा रेत घाट में खनन किया जाता है. इन रेत घाटों को 15 जून के बाद पूरी तरह बंद कर दिया जाना था. लेकिन घाट बंद करना तो दूर अब तो माफिया 24 घंटे रेत खनन कर रहा है. जिससे हर दिन शासन को 50 लाख का नुकसान हो रहा है.वहीं माफिया रेत खनन के बाद कई जगहों पर इसका भंडारण कर रहा है. ताकि बारिश में ऊंचे दामों में रेत बेचा जा सके.


किन जगहों से निकाली जा रही रेत : पर्यावरण विभाग का निर्देश है कि रेत उत्खनन का काम मैनुअली होना है.लेकिन खनन माफिया मशीनों के माध्यम से खनन किया जा रहा है.माफिया रेत खनन की अनुमति मशीनों से इसलिए लेते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके. नियमों को ताक पर रखकर दतरंगी, दतान, बम्हनी, मोहान, चरोदा सिरियाडीह, चिचपोल, पुटपुरा, पुटपुरा 2, ब्लदाकछार घाटों में खुदाई बंद नहीं हुई है.


क्या है अधिकारी का बयान : जिला खनिज अधिकारी बलौदा बाजार कुंदन बंजारे का कहना है कि '' 15 जून के बाद किसी भी घाट में रेत खनन की अनुमति नहीं है. वैसे दो-तीन दिन पहले कुछ घाटों में रेत खनन की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई है. अनुमति से ज्यादा स्टोरेज किए रेत भंडारण पर कार्रवाई की गई है.अगर अभी भी रेत खनन जारी है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. नियम विरुद्ध कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.''

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दावों और हकीकत में फर्क : भले ही खनिज विभाग के अधिकारी कुछ भी बोले लेकिन सामान्य दिनों में जब किसी घाट की रॉयल्टी कटती है.जो शासन के खाते में जमा होती है. लेकिन समय सीमा खत्म होने के बाद ना तो पिट पास काटा जा सकता है और ना ही खनन की अनुमति दी जाती है. फिर भी खनन का काम जारी रहता है.ऐसे में शासन को लाखों का नुकसान होता है. साथ ही साथ दिन और रात दोनों समय खनन का काम कराया जाता है.ऐसे रेत को ऊंचे दामों में बेचा जाता है. रेत घाट पर खनन का समय सुबह 6 से शाम 6 बजे तक होता है.

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