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बलौदाबाजार: यात्री प्रतिक्षालय में रहने को मजबूर गरीब परिवार, सरकार से आशियाने की गुहार

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Published : Nov 20, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 8:32 PM IST

कसडोल में एक गरीब परिवार यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर है. परिवार का कहना है कि कई बार अधिकारियों से मकान के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. घर नहीं होने के कारण अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.

A poor family is forced to stay in the passenger waiting room in Kasdol
कसडोल में एक गरीब परिवार यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर

बलौदाबाजार: कसडोल में एक गरीब परिवार ने यात्री प्रतीक्षालय को ही अपना आशियाना बना लिया है. यह गरीब परिवार बंसोड़ जाति का है, जो पिछले एक साल से कसडोल नगर के गुरु घासीदास चौक पर बने यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर है. कसडोल नगर का यह गरीब परिवार छत की आस लेकर पिछले कई सालों से दर-दर भटक रहा है, लेकिन जब कहीं कोई आसरा देने वाला नहीं मिला, तो इस परिवार ने यात्री प्रतिक्षालय को ही अपना आशियाना बना लिया.

यात्री प्रतिक्षालय में रहने को मजबूर गरीब परिवार

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बंसोड़ परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है. इसके कारण किराये के मकान में भी नहीं सकते. यह परिवार पिछले एक साल से ठंड, बरसते पानी और भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों से वादा किया है कि आने वाले 2022 तक देश के हर गरीब परिवार के पास अपना खुद का पक्का मकान होगा, लेकिन इस गरीब परिवार के पास खुद की जमीन तक नहीं है. इनको प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह गरीब बंसोड़ परिवार पिछले 1 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

एक गरीब परिवार यात्री प्रतीक्षालय को अपना आशियाना बना लिया

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दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर परिवार

इस परिवार के मुखिया दीपक मरकाम हैं. इनके पास कोई रोजगार नहीं है. कभी-कभी कोई छोटा मोटा काम मिल जाता है. इससे ही इनका गुजर बसर हो रहा है. राशन कार्ड से मिलने वाले चावल से इनको काफी राहत मिल जाती है, लेकिन इतना काफी नहीं है. इस परिवार के पास ना ही खुद की जमीन है और ना ही खुद का मकान है. पुस्तैनी थोड़ी जमीन थी, जिसे तंगहाली में पुरखों ने पहले ही बेच दी है. अब यह परिवार सरकार से उम्मीद लगाए बैठा कि कोई इनकी व्यथा समझे. इन्हें इनका खुद का आशियाना मिल जाए.

यात्री प्रतिक्षालय में रहने को मजबूर

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यात्री प्रतीक्षालय को बनाया अपना घर

दीपक मरकाम ने बताया कि गुरु घासीदास चौक का यात्री प्रतीक्षालय इनका कोई पहला ठिकाना नहीं है. इससे पहले ये परिवार कसडोल नगर के इंदिरा कॉलोनी, स्टेडियम और नया बस स्टैंड में रहता था, लेकिन अवैध कब्जे की जमीन होने के कारण हर बार इन्हें बेदखल कर दिया गया. इसके बाद कसडोल पुलिस थाने के सामने मुख्य मार्ग के किनारे कच्चा मकान बनाकर रहने लगे, लेकिन ज्यादा बारिश होने से इनका घर टूट गया. इतना ही नहीं घर में सांप और बिच्छुओं का डेरा बन गया, जिससे डर कर ये परिवार यात्री प्रतीक्षालय में आकर बस गया. अब यही यात्री प्रतीक्षालय ही इनकी दुनिया बन गई है.

खुले आसमान के नीचे रह रहा परिवार

जनप्रतिनिधियों से कई बार लगा चुके हैं गुहार

दीपक मरकाम ने बताया कि घर के लिए जन प्रतिनिधियों से लेकर एसडीएम और बलौदाबाजार जिला कलेक्टर तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर तरफ से इन्हें सिर्फ आश्वासन का झुनझुना ही मिला है. वहीं कसडोल एसडीएम टीसी अग्रवाल का कहना है कि इस बारे में उन्हें जानकारी मिली है. शीघ्र ही इस परिवार के लिए शासन की योजना के तहत आवास की व्यवस्था की जाएगी. अब देखने वाली बात होगी कि आखिरकार इस बेघर गरीब परिवार को आशियाना कब तक मिल पाता है.

Last Updated :Nov 20, 2020, 8:32 PM IST

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