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मेंटेनेंस के बाद बालोद में फिर शुरू हुआ मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना

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Published : Dec 5, 2022, 4:44 PM IST

Updated : Jan 16, 2023, 4:48 PM IST

Cooperative sugar factory started again after maintenance
मेंटेनेंस के बाद फिर शुरू हुआ सहकारी शक्कर कारखाना ()

balod sugar factory बालोद का मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना मेंटेनेंस कार्य के बाद फिर से शुरू हो गया है. पेराई के लिए अगले 5 दिन तक गन्ना लाने के लिए जिले के 500 किसानों को टोकन भी जारी किए जा चुके हैं. प्रबंधक ने बताया इस सीजन 65 हजार मीट्रिक टन गन्ने की पेराई से 68 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन का लक्ष्य है.

बालोद:balod sugar factory बालोद के मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाने के मेंटेनेंस का कार्य पूरा हो गया. जिसके बाद आज कारखाने में मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना की गई. पूजा के बाद नियम के लिए एक ट्रैक्टर गन्ने से पेराई सत्र का शुभारंभ किया गया. अगले 5 दिन तक गन्ना लाने के लिए जिले के 500 किसानों को टोकन जारी किया जा चुका है. प्रबंधन के अनुसार रोजाना 100 किसान 500 से 700 टन गन्ना लाएंगे जिसकी पेराई होगी पेराई का यह 14 वां सीजन है. दिसंबर के पहले सप्ताह से गन्ने की पेराई शुरू कराने की प्लानिंग बनी हुई थी. जिसके अनुसार किसानों को टोकन जारी किया गया है.

मेंटेनेंस के बाद फिर शुरू हुआ सहकारी शक्कर कारखाना
मेंटेनेंस कार्य पूरा:शक्कर कारखाने के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र राठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि "इस बार शुगर मिल का मेंटेनेंस कार्य पूरा हो चुका है. हम गन्ने की पिराई के लिए तैयार हैं. आज हमने विधिवत पूजा अर्चना किया. जिसके बाद नियम के लिए एक ट्रैक्टर गन्ने को पिराई के लिए मंगवाया गया है. इस सीजन 65 हजार मीट्रिक टन गन्ने की पेराई से 68 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन का लक्ष्य है. 1170 हेक्टेयर गन्ना कारखाने के उत्पादन क्षेत्र में है.किसान बेचेंगे गन्ना: प्रबंधक ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि "1148 किसान इस बार गन्ना बेचेंगे. सभी का पंजीयन हुआ है. इसके साथ ही आसपास के जिले से भी गन्ने लाए जाएंगे. किसानों को किसी तरह की कोई समस्या ना हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. किसान विश्राम कक्ष, मनोरंजन की व्यवस्था और उनकी गाड़ियां जाम ना हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है."

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दो लाख मीट्रिक टन गन्ने की जरूरत: शुगर मिल में 5 माह नियमित पेराई के लिए दो लाख मीट्रिक टन गन्ने की जरूरत है. लेकिन पूर्ति नहीं हो पा रही है. यह स्थिति तब है जब दूसरे जिले से भी गन्ने लेकर किसान पहुंचते है. प्रबंधन के अनुसार 5 माह लगातार गन्ना पहुंचे तो कारखाने में नियमित पेराई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी. गन्ना की कमी की वजह से हर साल ब्रेकडाउन की स्थिति बन ही जाती है. इस बार भी आशंका बनी हुई है. 3500 हेक्टेयर में गन्ने की खेती होगी, तभी दो लाख मीट्रिक टन गन्ना पहुंच सकता है.

Last Updated :Jan 16, 2023, 4:48 PM IST

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