छत्तीसगढ़

chhattisgarh

सरगुजा का पंडो नगर: यहां पहली लहर में किसी को नहीं हुआ था कोरोना, महामारी और टीके को लेकर लोग जागरूक

By

Published : Jul 8, 2021, 9:48 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा जिले के पंडो नगर में विशेष संरक्षित पंडो जनजाति भले ही शिक्षित होने के मामले में विकास ना कर पाई हो लेकिन जागरूकता के मामले में वे किसी शहरी और शिक्षित लोगों से कई गुना आगे हैं. इसी वजह से यहां के लोग कोरोना को लेकर खास सावधानी बरत रहे हैं.

design photo
डिजाइन फोटो

सरगुजा: कोरोना महामारी की दूसरी लहर धीरे-धीरे थम रही है. लोग एक बार फिर लापरवाही कर रहे हैं. शहरों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे और ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को जागरूक करना पड़ रहा है. ETV भारत जिले के पंडो नगर पहुंचा और वहां रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र, विशेष संरक्षित जनजाति पंडो के लोगों से महामारी और टीकाकरण को लेकर बात की.

सरगुजा का पंडो नगर

कोरोना के प्रति जागरूकता

यहां हमने लोगों से बात की तो जवाब चौकाने वाले थे. शिक्षा के आभाव में रहने वाले इस समुदाय में कोरोना के प्रति जागरूकता दिखी. युवा हों या बुजुर्ग सभी कोरोना के प्रति अवेयर दिखे. वैक्सिनेशन के प्रति भी इस समुदाय में लोग जागरूक हैं. ज्यादातर लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं. जिन्हें टीका नहीं लगा वे अपनी बारी के इंतजार में हैं.

पंडोनगर

SPECIAL: कोरोना से बचाव के लिए मिसाल बना ये गांव

शादी समारोह से बनाई दूरी

गांव के युवा साखा दास ने बताया कि कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर, दो गज की दूरी जरूरी है. साखा ने बताया कि गांव में शादी और दूसरे समारोह नहीं हो रहे हैं. युवा ने बताया कि कुछ दिन बाद वे वैक्सीन लगवाएंगे. दूसरे युवा ने बताया कि वे टीका लगवा चुके हैं लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. मास्क लगा रहे हैं और दो गज की दूरी भी रख रहे हैं.

ग्राम पंचायत पंडो नगर

पहली लहर में नहीं हुआ था कोरोना

गांव में रहने वाले युवक दिनेश कुमार ने बताया कि वे लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे हैं. उनके गांव में रहने वाले 45 प्लस उम्र के सभी लोगों को पहला डोज वैक्सीन का लग चुका है. सीनियर सिटिजन के लिए दूसरे डोज का मैसेज आया है. दिनेश ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में यहां किसी को कोविड नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि शासन के सभी दिशा-निर्देशों का पालन उनके गांव में हो रहा है. गांव के बुजुर्ग सुखदेव राम का कहना है कि वे कोरोना के बारे में ज्यादा तो नहीं जानते लेकिन टीका लगवा चुके हैं. उन्हें भी बुखार आया था वैक्सीन लगवाने के बाद लेकिन वे दूसरी डोज जरूर लगवाएंगे.

समुदाय में शिक्षा की अलख

पंडो जनजाति बेहद पिछड़ी होने के वजह से इसे संरक्षण प्राप्त है. अक्सर इस समुदाय में शिक्षा का आभाव देखा जाता रहा है. लेकिन अब स्थिति बदल रही है. हैरानी तो तब हुई जब इस गांव के एक युवक ने बताया कि वो ग्रेजुएशन कम्प्लीट कर लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहा है. जाहिर है जिस समाज में शिक्षा का प्रसार होगा, वहां जागरूकता होगी और पंडोनगर के पंडो भी अब समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं. गांव के बच्चे बढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details