रायपुर: रोहिणी नक्षत्र बव और बालव करण के मंगलकारी योग में पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी को मकर संक्रांति का पर्व (Makar Sankranti 2022 )मनाया जा रहा है. इस शुभ दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनकी राशि मकर में जाते हैं. इसलिए इसे मकर संक्रांति, उत्तरायण, पोंगल, तिल संक्रांति, शिशिर ऋतु प्रवृत्ति आदि नामों से जाना जाता है. आसाम में इसे बिहू के नाम से मनाया जाता है.
आज के शुभ दिन से उत्तरायण पक्ष चालू (Uttarayan Paksha start)हो जाता है. यह बहुत ही शुभ माना जाता है. महाभारत काल में इच्छा मृत्यु के धनी भीष्म पितामह ने उत्तरायण के समय मृत्यु को आलिंगन करने का निर्णय लिया था. उत्तरायण काल महापरायण मोक्ष और सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए पवित्र माना जाता है.
मकर संक्रांति से लेकर अगले 6 महीने तक उत्तरायण काल रहेगा. इस दिन से विवाह, मांगलिक कार्य, शुभ कार्य जैसे गृह निर्माण, सगाई, सोलह संस्कार शुरू हो जाते हैं. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि 'मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी दोपहर 2:28 से शाम 5:39 बजे तक रहेगा. सूर्य का आगमन मकर राशि में दोपहर 2:28 बजे मकर राशि में होगा. यह मकर संक्रांति चंद्रमा के उच्च प्रभाव में मनाई जा रही है.
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