रायपुर : निलंबित आईपीएस जीपी सिंह आज रायपुर की सेंट्रल जेल से रिहा हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जीपी सिंह को सशर्त जमानत दी है. जमानत में कई शर्तें है. शर्तों के अनुसार ट्रायल सिर्फ रायपुर होगा. जांच के दिन विभागीय अधिकारी ही उपस्थित रहेंगे. बंद लिफाफे में अपना ट्रैक रिकॉर्ड ट्रायल कोर्ट में पेश करेंगे. इस दौरान निलंबित आईपीएस जीपी सिंह अपनी संपत्ति किसी को न बेच सकेंगे और न ही गिरवी रख सकेंगे. इसके साथ ही प्रेस से सीधे कभी बात नहीं करेंगे. इन शर्तों के साथ ही जीपी सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिली है. आपको बता दें कि जीपी सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 माह से जेल में बंद है.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सशर्त जमानत दे दी है। सिंगल बेंच ने उन्हें जेल से रिहा करने का (Bilaspur High Court granted bail to GP Singh)आदेश जारी किया है.
जीपी सिंह के खिलाफ क्या है मामला : निलंबित एडीजी राजद्रोह के अलावा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप झेल रहे हैं. जीपी सिंह करीब 120 दिनों से जेल में हैं. आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने निलंबित एडीजी को 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पूछताछ के लिए सात दिनों तक रिमांड पर रखा. पूछताछ के बाद 18 जनवरी को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने एडीजी सिंह को जेल भेजने का आदेश दिया.
निचली अदालत से नहीं मिली थी राहत :इस पर जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) ने निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन पेश किया था. वहां राहत नहीं मिलने पर जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की .हाईकोर्ट ने भी जमानत देने से इन्कार कर दिया था. इसके बाद जमानत के लिए जीपी सिंह की अर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट को दोबारा जमानत पर सुनवाई करने के निर्देश दिए.
जमानत के लिए वकील का तर्क :जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया था कि ''ईओडब्ल्यू जांच पूरी हो गई है. जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है. मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है. इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही ईओडब्ल्यू की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं. ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.''
निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को रिहाई के बाद शर्तों का रखना होगा ध्यान ये भी पढ़ें-रायपुर में सीनियर IPS जीपी सिंह पर ACB और EOW ने कसा शिकंजा, कार्रवाई जारी
क्यों हुए थे जीपी सिंह गिरफ्तार :आईपीएस जीपी सिंह के ठिकाने पर एक जुलाई को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था. जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई. दिन भर की जांच के बाद पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ. 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी (Disproportionate income case against GP Singh) गई. रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपित की मदद का आरोप जीपी सिंह पर लगा. इसके साथ ही जीपी सिंह के घर से कुछ डायरियां भी मिली. जिसमे सरकार के खिलाफ साजिश रचने के संकेत मिले थे. जिसके बाद जीपी सिंह को निलंबित किया गया और केस रजिस्टर्ड हुआ.