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धमतरी में डूबान संघर्ष समिति का प्रदर्शन, बेरोजगारों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया, नौकरी की मांग

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Published : Sep 28, 2022, 7:21 PM IST

Duban Sangharsh Samiti protests in Dhamtari
धमतरी में डूबान संघर्ष समिति का प्रदर्शन ()

Duban Sangharsh Samiti protests in Dhamtari बांधों से संबंधित विभागों में नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर धमतरी में डूबान संघर्ष समिति युवा बेरोजगार संघ ने कलेक्टोरेट का घेराव किया. बरसते पानी के बीच बेराजगार युवक युवतियों ने मेन गेट के पास प्रदर्शन किया. ये सभी युवक युवतियां डूब प्रभावित हैं. पिछले कई वर्षों से जल संसाधन विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों में नौकरी देने की मांग रहे हैं.

धमतरी: युवा बेरोजगार संघ में बांध क्षेत्रों के आसपास 50 से 60 गांवों के तकरीबन 500 से ज्यादा सदस्य जुड़े हुए हैं. ये सदस्य बाधों में रिक्त पदों पर स्थानीय डूब प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार देने की लगातार मांग करते रहे हैं. बताया जा रहा है कि जल संसाधन विभाग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के करीब 300 से ज्यादा पद रिक्त हैं. जिन पर उनकी भर्तियां की जा सकती है. ये सभी पद गंगरेल बांध, दुधावा बांध, माड़मसिल्ल्ली, सोढुंर और रूद्री बैराज समेत विभाग में रिक्त हैं. इन पदों के भर्ती के लिए शासन से अबतक कोई निर्देश जारी नहीं किए गए है. Duban Sangharsh Samiti protests in Dhamtari

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राजधानी तक पैदल मार्च निकालने की चेतावनी: सदस्यों का कहना है कि ''अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने के लिए पिछले 10 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन को सूचना देने के बाद कोई भी जिम्मेदार सुध लेने नहीं पहुंचा. विभाग में कर्मचारियों की कमी है. ऐसे में पदों पर नियुक्तियां दी जा सकती है.'' जिला स्तर पर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलनकारियों ने राजधानी तक पैदल मार्च करते हुए प्रदर्शन करने की बात कही है.

1973 से शुरु हुआ था विस्थापन: 5 जून 1972 को गंगरेल बांध बनने के लिए शिलान्यास हुआ था.1973 से गांवों को हटाने का काम शुरू किया गया था. गंगरेल बांध बनने के बाद उसके जलभराव क्षेत्र में आने के कारण 52 गांव डूब गए थे. इससे 8 हजार 275 लोग प्रभावित हुए. इन परिवारों को अपना घर, खेत और आबाद गांव छोड़कर दूसरे गांवों में बसना पड़ा था.

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