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वर्चस्व और कुर्सी की दौड़ में कांग्रेस के नेता व्यस्त, प्रदेश का पूरा बंटाधारः धरमलाल कौशिक

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Published : Sep 24, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 6:34 PM IST

mein kaangres ke neta vyast Congress leaders busy in race for supremacy and chair

बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे (Bilaspur MLA Shailesh Pandey) के द्वारा दिए गए बयान और कांग्रेस की अंतर्कलह पर मौका नहीं छोड़ते हुए भाजपा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (BJP Leader Of Opposition Dharamlal Kaushik) ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आपसी कुर्सी की लड़ाई (Mutual Chair Fight In Congress) चल रही है. उन्होंने प्रदेश में आरक्षण (Reservation) के मुद्दे को भी जम कर भुनाने की कोशिश की.

बिलासपुरःनेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (BJP Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा कि प्रदेश में घटनाएं घट रही (Incidents are Happening In The state) हैं. कांग्रेस सरकार कुर्सी दौड़ में लगी हुई है. बिलासपुर में कांग्रेस के पदाधिकारी और विधायक वर्चस्व की लड़ाई में लगे हुए हैं. सरगुजा में विधायक और मंत्री (MLA and Minister in Surguja) के बीच में तनातनी चल रही है.

वर्चस्व और कुर्सी की दौड़ में कांग्रेस के नेता व्यस्त

रायपुर में आएंगे तो मंत्री और मुख्यमंत्री (Minister and Chief Minister) के बीच में कुर्सी दौड़ चल रही है. कांग्रेस संगठन (Congress organization) से लेकर मंत्री विधायक और मुख्यमंत्री तक वर्चस्व की लड़ाई और कुर्सी दौड़ में लगे हुए हैं. जनता यह जान और समझ गई है. इतना बहुमत देने के बाद भी प्रदेश का विकास उनके हाथों से संभव नहीं है. कभी प्रदेश का विकास (development of the region) कांग्रेस कर ही नहीं सकती. कांग्रेस विकास विरोधी है, यह बात प्रमाणित हो रहा है.

शायद इतना बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिला और उसके बाद में यदि प्रदेश के विकास कार्य नहीं होंगे, किसानों की समस्या हल नहीं होगी, कानून व्यवस्था ठप रहेगा तो प्रदेश को बर्बादी की ओर ले जाने के अलावा कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं है. कांग्रेस ने प्रदेश को 10 साल पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बढ़-चढ़ कर कहा था कि हम 27 फीसदी आरक्षण देंगे. 27 फीसदी आरक्षण ओबीसी (OBC) को नहीं मिला.

कांग्रेस पर आरक्षण के नाम पर राजनीति का आरोप

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री (Government and Chief Minister) ओबीसी, जनजाति के नाम पर राजनीति करने में लगे हुए हैं. रोस्टर में गड़बड़ी है. अधिकारियों को गंभीरता से लेना चाहिए. बीजेपी के लिए पॉलिटिकल इश्यू (political issue) यह नहीं है. जब एक मामला आया था कोर्ट में और आरक्षण को समाप्त करने की बात आई थी. उस समय केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति के मामले को कैबिनेट में लाई और पुनः आरक्षण लागू किया. ओबीसी की बात आई तो संवैधानिक दर्जा आयोग को देने का काम प्रधानमंत्री ने किया. 10 फीसदी गरीबों का आरक्षण (स्वर्ण आरक्षण) को नरेंद्र मोदी ने दिया.

Last Updated :Sep 24, 2021, 6:34 PM IST

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