एक तो कोरोना दूसरा वेतन नहीं. जिन नियोजित शिक्षकों को संक्रमण हो गया, वे पैसे की कमी के कारण भी दम तोड़ रहे हैं. जिलेभर के नियोजित शिक्षक इस महामारी में भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में सासाराम के एक नियोजित शिक्षकों ने लोकगीत के माध्यम से अपना दर्द साझा किया है. देखें खबर.