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भिखारी ठाकुर को देवता मानता है उनका शिष्य, लॉकडाउन के बाद से स्थिति खराब

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Published : Dec 18, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 7:41 PM IST

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सारणः भोजपुरी के शेक्सपीयर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन उनकी गबर घिचोर और विदेशिया जैसी कई अमर रचनाएं आज भी लोगों की जुबान पर हैं. इस आपाधापी और भागम-भाग के दौर में इन कृतियों को जानने वाले कम ही लोग बचे हैं. लेकिन छपरा के तुजारपुर गांव के रहने वाले 94 वर्षीय रामचंद्र मांझी उन्हें अपना गुरू और भोजपुरी का देवता मानते हैं. वो भिखारी ठाकुर की नाच मंडली में काम करने वालों में से एक हैं. देखें ये रिपोर्ट...
Last Updated :Dec 18, 2020, 7:41 PM IST

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