बेतिया: जिले में हर दिन पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है. उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा है. हालांकि, सरकार ने पैसे खर्च कर सरकारी अस्पतालों को सुविधाएं तो दे दीं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी एक बानगी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में दिखती है.
जीएमसीएच (गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया) में गिनने को तो 63 वेंटिलेटर हैं, लेकिन इनमें से 50 से अधिक खराब हैं. ये वेंटिलेटर आइसोलेशन वार्ड में पड़े हुए हैं. सबसे हैरत की बात तो यह है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए भी कोई टेक्नीशियन तक नहीं है.
यह भी पढ़ें-पटना AIIMS में फूटा 'कोरोना बम', 384 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ संक्रमित
वेंटिलेटर को नहीं किया इंस्टॉल
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारी 5 वेंटिलेटर चलने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन वार्ड में एक भी वेंटिलेटर चलता हुआ नहीं दिख रहा है. पिछले साल दिसंबर में एक बार 17 और दूसरी बार 25 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज को भेजे गए थे, लेकिन तब से वेंटिलेटर ऐसे ही रखे हुए हैं. हद तो यह है कि अभी तक वेंटिलेटर को इंस्टॉल तक नहीं किया जा सका है, जबकि कोरोना से पिछले दस दिन में 12 मरीज की मौत हो चुकी है.
कब तक ठीक होंगे वेंटिलेटर ?
अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी इंजीनियर के आने और वेंटिलेटर ठीक होने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी इसका जवाब उनके पास नहीं है. मंगलवार को जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. नरेंद्र कुमार से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने विभाग की पोल खोलते हुए कहा था कि एक भी वेंटिलेटर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है.