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बेमिसाल क्वॉरेंटाइन सेंटरः मजदूरों को दिया जा रहा अक्षरों का ज्ञान, शिक्षक की भूमिका में अधिकारी

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Published : May 22, 2020, 1:06 PM IST

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प्रवासी मजदूरों की पाठशाला

बिहार में कोरोना काल की ये पाठशाला प्रवासी मजदूरों के लिए काफी अहम और यादगार होगी. अभाव और निराशा के इस दौर में जिला प्रशासन के जरिए गरीबों के लिए लिया गया ये फैसला काफी काबिलेतारीफ है.

बेतियाः बिहार में क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से लगातार हंगामे की खबरें आ रही हैं. प्रवासी मजदूर बेहाल हैं, परेशान हैं. लेकिन इन सब के बीच सूबे में एक ऐसा क्वॉरेंटाइन सेंटर भी है, जो प्रवासी श्रमिकों की पाठशाला बना हुआ है. यहां शिक्षक मजदूरों के बीच शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन केंद्र पर साक्षरता अभियान की शुरुआत की है. जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चल रहे क्लास
बेतिया के नरकटियागंज के डीएवी स्कूल में प्रवासी श्रमिकों को शिक्षा दी जा रही है. शिक्षक की भूमिका में अधिकारी हैं. तो छात्र की भूमिका में प्रवासी श्रमिक हैं. क्वॉरेंटाइन केंद्र पाठशाला बन गया है. सोशल डिस्टेंसिंग के तहत क्लास में प्रवासी छात्र शिक्षा ले रहे हैं. उन्हें अक्षर का ज्ञान दिया जा रहा है. उन्हें सिंगनेचर करने का ढंग सिखाया जा रहा है. ताकि वे अपना नाम लिख सकें और साक्षर बन सकें. इसके लिए साक्षरता अभियान की शुरुआत की गई है.

मजदूरों को पढ़ाते हुए अधिकारी

प्रोजेक्टर के जरिए दी जा रही है शिक्षा
प्रवासी मजदूरों को यह ज्ञान बोर्ड पर प्रोजेक्टर के जरिए दिया जा रहा है. अक्षर का ज्ञान खुद अधिकारी दे रहे हैं. बेतिया डीएम कुंदन कुमार प्रवासी श्रमिकों के लिए जिला के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगातार कुछ नया कर रहे हैं. अब जिला प्रशासन के जरिए स्मार्ट क्लास के माध्यम से साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रोजगार सृजन का भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
केंद्र पर साक्षरता अभियान संगरोध केंद्र बनाया गया है. जिसके निदेशक बीडीओ राघवेंद्र त्रिपाठी बनाये गये हैं. जबकि संयोजक संजय कुमार बनाये गये हैं. जो डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल हैं. नरकटियागंज के बीडीओ राघवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि साक्षरता अभियान से रोजगार सृजन तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पहले अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है, फिर कृषि ज्ञान, मछली पालन, अगरबत्ती बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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ये क्वॉरेंटाइन सेंटर पूरे बिहार में एक मिसाल पेश कर रहा है. इसी केंद्र से सूबे में सबसे पहले योगा की शुरुआत हुई थी और आज यहां से शिक्षा की अलख जगाई जा रही है और साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है.

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