बिहार

bihar

सुपौलः प्रमुख के भाई की इलाज के दौरान मौत के बाद हंगामा, 17 नवंबर को अपराधियों ने मारी थी गोली

By

Published : Nov 20, 2021, 8:42 PM IST

प्रमुख के भाई की मौत के बाद हंगामा

सुपौल में बीते 17 नवंबर को प्रमुख के भाई को अपराधियों ने गोली मार दी थी. जिसके बाद उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के दौरान 19 नवंबर की रात उसकी मौत हो गई. पढ़ें पूरी खबर...

सुपौलः प्रतापगंज थाना क्षेत्र (Pratapganj Police Station) के दुअनिया पुल के पास 17 नवंबर को अपराधियों की गोली का शिकार बने निवर्तमान प्रमुख के भाई रंजीत कुमार की इलाज के दौरान मौत (Died During Treatment) हो गई है. रंजीत की मौत के से आक्रोशित परिजनों ने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव को एनएच-57 पर रखकर हाईवे को जाम कर दिया.

इसे भी पढ़ें-सुपौल: बेखौफ बदमाशों ने निवर्तमान प्रमुख के भाई को मारी गोली, गंभीर हालत में रेफर

इस दौरान हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर इकट्ठा हो गए. सभी अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इधर जाम की सूचना के बाद वीरपुर एसडीपीओ पंकज कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे और लोगों समझाने बुझाने लगे. अपराधियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाते हुए करीब साढे चार घंटे के बाद हाईवे पर यातायात बहाल हो सका.

सुपौल में प्रमुख के भाई की मौत के बाद सड़क जाम

बता दें कि बीते 17 नवंबर को प्रतापगंज थाना क्षेत्र के बेलही गांव निवासी निवर्तमान प्रमुख सह युवा राजद के जिलाध्यक्ष भूपनारायण यादव के 28 वर्षीय छोटे भाई रंजीत कुमार उर्फ रणवीर को बाइक सवार अपराधियों ने 17 नवबंर की संध्या पेट में तीन गोलियां मार दी थी. जख्मी का प्राथमिक इलाज पीएचसी प्रतापगंज में करने के बाद उसे नेपाल के विराटनगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसका इलाज चल रहा था.

इसे भी पढ़ें-दो भाइयों के झगड़े में बीच-बचाव करना पड़ा महंगा, फायरिंग के दौरान महिला के सिर में लगी गोली

इलाज के क्रम में 19 नवबंर की रात रंजीत की मौत हो गई थी, जिसके बाद अगले दिन परिजनों ने शव को पैतृक गांव लाया और अंतिम संस्कार किया. मृतक के भाई निवर्तमान प्रमुख ने कहा कि घटना को चार दिन बीतने को है लेकिन पुलिस की कार्रवाई शून्य है. उन्होंने बिहार सरकार पर सवाल उठाए हैं, वहीं वीरपुर डीएसपी पंकज कुमार मिश्रा इस कांड का जल्द उद्भेदन करने की बात कही है.

मृतक रंजीत के बारे में बताया जाता है कि उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं था. वह धार्मिक प्रवृति का था. भारतीय संस्कृति व धार्मिक अनुष्ठानों में वह अक्सर हिस्सा लेता था. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक का द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक था. रंजीत की मौत के बाद परिजनों के साथ ही संघ परिवार में भी शोक का माहौल है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details