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डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह की कर्म भूमि पर श्रद्धांजलि सभा और महाभोज का आयोजन

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Published : Sep 25, 2020, 4:38 PM IST

जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि 1974 मैं कांग्रेसी हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन शुरू किया गया था. उसका नेतृत्व डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने किया था. उस दौरान परसौनी प्रखंड की जनता ने डॉ. रघुवंश बाबू को शरण देने का काम किया था.

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सीतामढ़ीः पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह की कर्मभूमि बेलसंड विधानसभा क्षेत्र के परसौनी जनता उच्च विद्यालय के प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर जदयू के जिलाध्यक्ष सह विधायक प्रतिनिधि राणा रणधीर सिंह चौहान, बेलसंड विधानसभा क्षेत्र की विधायिका सुनीता सिंह चौहान सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने रघुवंश बाबू के फोटो पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
इस दौरान जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि सीतामढ़ी जिला रघुवंश बाबू की कर्मभूमि रहा है. उन्होंने बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वैसे ईमानदार और समाजवादी विचारधारा के नेता आज नहीं होते. इसलिए उनकी याद में बेलसंड विधानसभा क्षेत्र के जनता उच्च विद्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है.

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जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि 1974 मैं कांग्रेसी हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन शुरू किया गया था. उसका नेतृत्व डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने किया था. उस दौरान परसौनी प्रखंड की जनता ने डॉ. रघुवंश बाबू को शरण देने का काम किया था. इसलिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन परसौनी प्रखंड मुख्यालय स्थित जनता उच्च विद्यालय के प्रांगण में किया गया है, ताकि इस प्रखंड क्षेत्र की जनता उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें.

1977 में रघुवंश बाबू ने की थी अपनी राजनीति यात्रा शुरू
श्रद्धांजलि सभा के मौके पर स्वर्गीय डॉ. रघुवंश बाबू की याद में महाभोज का आयोजन किया गया था. जिसमें बेलसंड विधानसभा क्षेत्र और शिवहर जिला के लोग शामिल होकर रघुवंश बाबू के नाम पर प्रसाद ग्रहण किया. इस आयोजन के मौके पर जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि स्वर्गीय डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह इस जिले में 1977 में अपनी राजनीति यात्रा शुरू की थी और उन्होंने 20 वर्षों तक बेलसंड विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. इसलिए जब मैं उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने गंगा घाट पर गया था, तो मैंने उसी दिन यह संकल्प लिया था कि डॉक्टर रघुवंश बाबू की कर्म भूमि पर जो काम शेष रह गया है, उसे हम पूरा करेंगे. जब तक मेरे शरीर में खून का एक-एक कतरा रहेगा. तब तक मैं रघुवंश बाबू के अधूरे काम को पूरा करने में प्रयासरत रहूंगा और यही रघुवंश बाबू के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.


राजनीति सफर
स्वर्गीय रघुवंश बाबू 1973 से 1977 तक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के जिला सचिव रहे. उसके बाद वो 1977 में पहली बार बेलसंड विधानसभा क्षेत्र के विधायक चुने गए. 1977 से 1979 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद 1990 में डिप्टी स्पीकर विधानसभा बनाए गए. 1991 से 1994 तक विधान पार्षद और सदन के उप नेता रहे. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीतकर 1998 तक मंत्री रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार चुने गए. 2004 में चौथी बार लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवी बार चुने गए.

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